बिहार

bihar

ETV Bharat / state

देशभर में आज मनाया जा रहा है गोवर्धन पूजा, जानिए महत्व - sister did Govardhan puja

देशभर में आज गोवर्धन पूजा मनाया जा रहा है. जानिए क्या है गोवर्धन पर्वत पूजा, पूजा विधि और क्या है इस दिन अन्नकूट का महत्व..

GOVARDHAN PUJA
GOVARDHAN PUJA

By

Published : Nov 5, 2021, 4:58 PM IST

पटना: दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा (Goverdhan Puja) होती है. इस बार 5 नवंबर यानी आज गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है. यह त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रजवासियों को बचाया था.

यह भी पढ़ें -मसौढ़ी में गौपालकों ने धूमधाम से मनाया गोवर्धन त्योहार

गोवर्धन पूजा को देश के कुछ हिस्सों में ‘पड़वा’, ‘वर्षाप्रतिपाद’ या 'अन्नकूट' भी कहते हैं. आज के दिन भगवान कृष्ण, गायों और गोवर्द्धन की पूजा की जाती है. इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उन्हें छप्पन भोग अर्पित करते हैं. इस दिन 56 प्रकार या 108 प्रकार के भोजन से ठाकुर जी को भोग लगाया जाता है.

गोवर्द्धन पूजा तिथि, शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 05 नवंबर, सुबह 02 बजकर 44 मिनट से

प्रतिपदा तिथि समाप्‍त: 05 नवंबर, रात 11 बजकर 44 मिनट तक

गोवर्द्धन पूजा मुहूर्त: 6:36 से प्रातः 8:47 तक अवधि लगभग 2 घंटे 11 मिनट गोवर्धन पूजा सायं मुहूर्त 3:22 से 5:33 तक

पूजन विधि:
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर तेल मलकर स्नान करें.

इसके बाद स्वच्छ कपड़ा पहनकर भगवान को याद करे.

इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से पर्वत बनाए.

फिर उसे वृक्ष, वृक्ष की शाखा एवं पुष्प इत्यादि से श्रृंगारित करें.

इसके बाद स्नान कराए, फूल, चंदन चढ़ाकर विधिवत पूजन करें.

गायों की पूजा करें. फिर गोवर्द्धन पर्वत और गायों को भोग लगाकर आरती उतारें.

क्या होता है अन्नकूट में
घर में 56 प्रकार या फिर 108 प्रकार का भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है. इससे पहले ठाकुर जी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. इसके बाद थाली में सजाकर भोग लगाया जाता है.

क्यों मनाया जाता है गोवर्द्धन पूजा
मान्यता के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने गांववालों से देव राज इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया था तब देव राज इंद्र को गुस्सा आ गया और उन्होंने खूब बारिश की जिसकी वजह से पूरा गोकुल तबाह हो गया तब भगवान कृष्ण ऊंगली पर गोवर्द्धन पर्वत उठाकर लोगों को पहाड़ के नीचे सुरक्षित किया. जिसके बाद देव राज इंद्र का अहंकार टूट गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details