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पटना: गोपाष्टमी के अवसर पर गौशालाओं में की गई गाय की पूजा, लोगों ने लिया गौ रक्षा का संकल्प - gopashtami puja done in gaushalas

गोपाष्ठमी के मौके पर सैकड़ों गायों की पूजा की गई. साथ ही उनकी रक्षा के लिए शपथ लिया गया. वहीं, इस मौके पर लोगों को गौ-रक्षा के लिये जागरूक भी किया गया.

गोपाष्टमी

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Published : Nov 4, 2019, 7:17 PM IST

पटना: राज्य में गोपाष्टमी के अवसर पर कई जिलों में गौ-रक्षा के लिए हवन और पूजन किया गया. इस मौके पर गौशालाओं में साफ-सफाई की गई. महिलाओं ने गाय की पूजा अर्चना की. वहीं, कई जगहों पर विधि-विधान से पूजा कर लोगों ने गौरक्षा का संकल्प लिया.

गोपाष्टमी के मौके पर गौरक्षक संगठन के लोगों ने बताया कि प्रत्येक साल गोपाष्टमी के अवसर पर गौशाला में पूजन हवन का कार्यक्रम होता है. इस साल भी निर्धारित समयानुसार विधि विधान के साथ पूजा किया गया. वहीं, गौ पूजा करने आए श्रद्धालुओं ने गोपाष्टमी पूजा के साथ कथा का श्रवण किया. बताया जाता है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गौ-चारण लीला आरम्भ की थी.

गोपाष्टमी पर गौ पूजा

गोपाष्टमी पूजन विधि
गोपाष्टमी के दिन गाय सहित बछड़े का पूजन करने का विधान है. इस दिन गौ और बछड़ों को भी स्नान कराया जाता है. गाय के शरीर पर मेहंदी, रोली, हल्दी आदि के थापे लगाए कर सजाया जाता है. पूरी विधान के साथ धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, रोली, गुड, जलेबी, वस्त्र और जल से गौ माता की पूजा की जाती है. साथ ही गाय की आरती उतारी जाती है.

बेगूसराय में गोपाष्टमी रहा खास
इस मौके पर बेगूसराय के प्रसिद्ध गौशाला में भी 133 वें साल गोपाष्टमी का पर्व मनाया गया. चूंकि इस बार बेगूसराय के स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह केंद्र सरकार में पशु पालन मंत्री हैं. इसलिए बेगूसराय में के लिए गोपाष्टमी का पर्व और भी खास रहा. इस मौके पर जिले के एसडीएम संजीव चौधरी, मेयर उपेंद्र सिंह और गौशाला के संरक्षक विनोद हिसारिया सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

पेश है रिपोर्ट

गाय संरक्षण का संकल्प
बता दें कि हिंदू धर्म में गौ को मां के रूप में माना भी जाता है और पूजा भी की जाती है. शास्त्रों और वेद पुराणों में भी गौ को मां के रूप में पूजा जाता था और आज भी हिन्दू धर्म के लोग गाय को मां मानकर पूजा करते है. वहीं, गाय की रक्षा करना भारतीय संस्कृति की रक्षा करना माना जाता है. इस मौके पर बिहार के सबसे प्राचीन और 1945 ई. में स्थापित किला रोड के ऐतिहासिक श्री कृष्ण गौशाला में गोपष्ठमी के मौके पर सैकड़ों गायों की पूजा की गई. साथ ही उनके रक्षा के लिये शपथ लिया गया. वहीं, इस मौके पर लोगों को गौ रक्षा के लिए जागरुक किया गया.

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