पटनाःयूं तो राजधानी पटना में होटल और रेस्टोरेंट (Restaurant In Patna) की कोई कमी नहीं है. एक से एक रेस्टोरेंट पटना की सड़कों पर शहर की रोनक बढ़ाते नजर आ जाएंगे. लेकिन आज हम राजधानी के एक ऐसे रेस्टोरेंट के बारे में आप को बताएंगे जो इन दिनों खूब सुर्खियों में है. इसके बारे में जानकर आप भी यहां एक बार जाने की जरूर सोचेंगे. बोरिंग रोड में स्थित इस रेस्टोरेंट का नाम स्वदेशी (Swadeshi restaurant in Patna)है. जहां पहुंचकर लोगों को अपने गांव की याद आ जाती है.
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इस रेस्टोरेंट में पहुंचने वाले लोग जमकर यहां सेल्फी भी लेते हैं. यहां बिहार में बोलचाल की भाषा में अक्सर प्रयोग किए जाने वाले भोजपुरी शब्द को लिखवाकर टांगा गया है. जिसमें लटक ला त गेला बेटा, ओ मैया गे, भकचोंहर, ले लोटा, शब्दो को पूरी व्याख्या की गई है . इतना ही नहीं इस रेस्टोरेंट में चुहार ,लफुआ, लबर लबर, नरेटी, गर्दा और उधारे भी ज्यादा पॉपुलर है.
पटना के स्वदेशी रेस्टोरेंट की खासियत इसमें खासकर भकचोंहर शब्द सबसे ज्यादा चर्चित हो रहा है. लालू यादव ने एक कांग्रेस नेता पर 'भकचोन्हर' बयान दिया, जिसके बाद बिहार की राजनीति में सरगर्मी आ गई थी. उसके बाद यह होटल भी इन दिनों काफी सुर्खियां बिटोर रहा है. भले ही होटल का नाम स्वदेशी हो. लेकिन होटल की डिजाइनिंग से लेकर और इसमें लिखी गई बातें पूरी तरह से ठेठ भोजपुरी अंदाज में है. जो शब्दों में लिखा गया है वो लोगों को खूब भा रहा है. गेट पर प्रवेश के साथ ही ग्रामीण परिवेश दर्शाया गया है. गेट पर एक बुजुर्ग सर पर पुआल का बोझ लिए खड़ा है. अंदर चारपाई पर बैठकर खाने की भी व्यवस्था है.
रेस्टोरेंट में टंगे इन शब्दों का मतलब भी बताए गए हैं. यहां आने वाले लोग भी अपना कॉमेंट लिख कर देते हैं. पूरी तरह से स्वदेशी रेस्टोरेंट अपने बिहारी अंदाज में है. यहां पर पहुंचने वाले लोग कमेंट में गर्दा, मजा आ गया, ले लोटा इस तरह के शब्दों का प्रयोग करके अपने अंदाज में लिख कर कॉमेंट्स देते है.
इस रेस्टोरेंट में जितने भी टेबल लगे हैं. उन सभी टेबल के ऊपर जिले के नाम वाला बोर्ड भी मिलता है. यानी कि आप का निवास स्थान अगर छपरा है तो आपको छपरा वाले टेबल पर बैठाया जाएगा. जिससे कि आप अनुभव कर सकते हैं कि आप छपरा के किसी रेस्टोरेंट में हैं. साथ ही आपको जिस जिले में जाना है उसकी कितनी दूरी है वह भी इस टेबल पर लिखा मिल जाएगा. इतना ही नहीं इस रेस्टोरेंट की दीवारों को मधुबनी पेंटिंग, सूजीनी आर्ट से भी पूरी तरह से सजाया गया है. लोगो को गांव देहात का स्टाईल इस रेस्टोरेंट में मिलता है. जिस का लुफ्त उठाने के लिए लोग पहुंचते हैं.
इस रेस्टोरेंट के मालिक सह डायरेक्टर का कहना है कि भकचोंहर शब्द भले ही हाल के दिनों में लालू यादव द्वारा कहा गया हो. लेकिन यह शब्द बहुत पहले से ही हमारे रेस्टोरेंट में लगा हुआ है. भकचोंहर शब्द का मतलब होता है बकलोल. लालू यादव मास लीडर हैं और वह कुछ भी बोलते हैं तो वह सुर्खियों में आ जाता है. उनके इस शब्द के बाद से रेस्टोरेंट में चहल-पहल ज्यादा बढ़ गई है.
रेस्टोरेंट के मालिक ने बताया कि लोगों की आम भाषा को यहां पर लगाया गया है और इस भाषा को लोग पढ़ कर काफी खुश होते हैं. यहां पर हर तरह के व्यंजन भी उपलब्ध हैं. बर्थडे पार्टी करने के लिए यहां पर रूम भी उपलब्ध है. जिसकी कीमत 2000 रुपये है. 2000 में 3 घंटे के लिए लोग बुक करते हैं और बर्थडे पार्टी करते हैं. इसमें भी अलग अलग तरीके से सजाया गया है.
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निखिल ने बताया है कि यहां चिपड़ी की लिट्टी, आलू बैगन का चोखा के साथ-साथ कराही मटन भी लोगों को खूब भाता है. यहां पर देहाती मटन लिट्टी चोखा के साथ-साथ बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में खाए जाने वाले सभी व्यंजनों ग्राहकों को दिए जाते हैं. ग्राहक जिस तरह का खाना पसंद करते हैं वो मिलता है. दही चुरा, पीठा, आलू पराठा, गांव देहात में खाने वाले बाजरा की रोटी भी लोगों को मिलती है.
रेस्टोरेंट में पहुंचे ग्राहक ज्ञान प्रकाश ने बताया कि यहां जो लुक दिया गया है वह बेहद ही अच्छा है. पूरी तरह से गांव का लुक यहां पर दिखाया गया है, जिस तरीके से भाषा यहां लिखकर लगाई गई है वह बहुत ही अच्छा लगता है. खास करके भोजपुरी भाषा में इन सब शब्दों का प्रयोग किया जाता है. यहां की हर चीज यूनिक है. जहां आकर बहुत मजा आता है.
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