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गंगा के रौद्र रुप से राजधानी पटना पर मंडराया बाढ़ का खतरा, अभी जलस्तर और बढ़ने के संकेत - केंद्रीय जल आयोग

बिहार में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते नदियां उफनाई हुई हैं. पटना में गंगा नदी (Ganga River) खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. साल 2016 में पटना सहित गंगा से सटे अधिकांश जिलों में जलस्तर ने नई ऊंचाई को छुआ था. इस बार भी गंगा उसी ऊंचाई के करीब पहुंच गई है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना पर मंडराया बाढ़ का खतरा
पटना पर मंडराया बाढ़ का खतरा

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Published : Aug 15, 2021, 10:58 PM IST

पटना: बिहार में राजधानी पटना सहित कई जिलों में गंगा नदी (Ganga River) लगातार उफान पर है. पटना के गंगा घाटों पर पिछले कई दिनों से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और जलस्तर (Water Level) में अभी भी वृद्धि के संकेत हैं. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार, पटना जिले के दीघा घाट में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 139 सेंटीमीटर ऊपर है, इसके जलस्तर में 04 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है.

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वहीं, पटना जिले के गांधी घाट में गंगा नदी का जलस्तर 184 सेंटीमीटर ऊपर है, इसमें भी 01 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. पटना जिले के हाथीदह में भी गंगा का जलस्तर 165 सेंटीमीटर ऊपर है, इसके जलस्तर में 08 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 65 सेंटीमीटर ऊपर है, इस के जलस्तर में 11 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है.

भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर है. कहलगांव में 129 सेंटीमीटर ऊपर है. साहिबगंज में 142 सेंटीमीटर ऊपर है. फरक्का में ही गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. सभी स्थानों पर जल स्तर में वृद्धि होने की संभावना है. वहीं पटना जिले के श्रीपालपुर में पुनपुन नदी का जलस्तर 176 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 41 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है.

खगड़िया में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 213 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 97 सेंटीमीटर ऊपर है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 111 सेंटीमीटर ऊपर है. कटिहार जिले के कुरसेला में कोसी नदी का जलस्तर 147 सेंटीमीटर ऊपर है.

बात दें कि साल 2016 में पटना सहित गंगा से सटे अधिकांश जिलों में जलस्तर नई ऊंचाई को छुआ था. इस बार भी गंगा उसी ऊंचाई के करीब पहुंच गया है. इसलिए सरकार की चिंता बढ़ गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सड़क मार्ग से आरा और सारण जिले के बाढ़ से प्रभावित इलाकों का जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने 11 अगस्त को भी पटना सहित कई स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर को जाकर देखा था. पहले सड़क मार्ग से, उसके बाद हवाई सर्वेक्षण कर परिस्थिति का जायजा लिया था. अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी 12 जिलों के डीएम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया था.

बता दें कि साल 2016 में कुछ प्रमुख घाटों की स्थिति इस प्रकार से थी. दीघा घाट पर 52.52 मीटर, गांधी घाट पर 50.52 मीटर, हाथीदह में 43.17 मीटर और भागलपुर में 34.72 मीटर था. वहीं, पिछले 2 दिनों की बात करे तो, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. 12 अगस्त को पटना के दीघा घाट पर 51.41 मीटर था, जो 13 अगस्त को बढ़कर 51.59 मीटर हो गया. गांधी घाट पर 12 अगस्त को जलस्तर 50.04 मीटर था, जो 13 अगस्त को बढ़कर 50.18 मीटर हो गया. वहीं, हाथीदह में 12 अगस्त को जलस्तर 43.04 मीटर था, जो 13 अगस्त को बढ़कर 43.18 मीटर हो गया.

बिहार के बक्सर, भोजपुर , सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार सहित 12 जिले से होकर गंगा बहती है. इन जिलों के कई शहर पर गंगा में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा है. इन जिलों के दियारा इलाकों में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. वहीं निचले इलाकों में भी गंगा का पानी पिछले कई दिनों से है.

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