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गंडक के बांध में कटाव से दहशत में लोग, नदी में समा गया कटाव निरोधी जाली और पत्थर

गंडक के बांध पर मरम्मती कार्य पानी में बह जाने से बांध में कटाव होने की आशंका है. इलाके के लोग दहशत में हैं. जल स्तर में बढ़ोतरी होने पर इलाके में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है.

रतनमाला में गंडक के बांध में कटाव

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Published : Aug 2, 2019, 1:25 PM IST

बेतिया:जिले केबगहा स्थित रतन माला इलाके में गंडक नदी के किनारे बसे लोग बांध में कटाव से डरे-सहमे हैं. इस साल भी कटाव से बचाव के लिए कार्य कराया गया. कटाव को रोकने के लिए नदी किनारे जाली में पत्थर भर कर लगाए गए हैं. लेकिन कई जगह कटाव के कारण वो भी नदी में समा गया. जिसके कारण स्थानीय लोगों को डर सताने लगा है.

बांध में कटाव से दहशत में गंडक किनारे बसे लोग

पानी के साथ बह गया मरम्मती कार्य
स्थानीय ग्रामीण मो. हासिम ने ईटीवी भारत को बताया कि यहां हर साल बाढ़ आती है. इस साल गंडक के बांध पर मरम्मती कार्य भी कराए गए. बांध पर पत्थर को डाला गया. लेकिन जल स्तर कम होने पर मरम्मती कार्य में लगाए गए पत्थर सहित तमाम मटेरियल बह गए. दूसरे ग्रामीण ने बताया कि पुअर हाउस इलाके में तीन वर्ष पहले कटाव हुआ था. जाली में पत्थर लगाकर कटावनिरोधी कार्य किए गए थे. इस साल भी मरम्मत का काम किया गया. लेकिन सब पानी के साथ बह गया. अभी भी यहां कई बोरा मटेरियल कटाव स्थल पर रखा है. लेकिन कार्य शुरू नहीं हो पाया है. गण्डक के जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर इन गांवों में कटाव का खतरा मंडरा सकता है.

ग्रामीण

लाखों की आबादी प्रभावित
गौरतलब है कि गण्डक नदी को चम्पारण का शोक भी माना जाता है. हर साल नदी किनारे और दियारा क्षेत्र में बसे लाखों की आबादी प्रभावित होती है. प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य भी चलता है. इसके बावजूद बाढ़ और कटाव की विभीषिका से लोग हमेशा डरे सहमे रहते हैं.

जल स्तर घटने के बाद क्षतिग्रस्त बांध

ये इलाके हैं संवेदनशील
गौरतलब है कि बगहा में गण्डक नदी के किनारे बसे कई क्षेत्र बाढ़ और कटाव के लिहाज से संवेदनशील हैं. संवेदनशील इलाकों में दीनदयाल नगर, मंगलपुर औसानी, चंडाल चौक और रतन माला का पुअर हाउस शामिल है.

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