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त्यौहार के मौसम में केमिकल से धोकर बाजारों में आते हैं फल, सड़क किनारे खुलेआम होता है सारा खेल

डॉक्टरों का कहना हा कि कार्बाइड केमिकल से पके फल इंसानों की पाचन शक्ति के साथ-साथ दिल पर भी काफी प्रभाव डालते हैं. जिससे लोग काफी जल्दी बीमार होते हैं और उनकी मृत्यु भी समय से पहले हो जाती है. इसलिए ऐसे फलों को खासकर छोटे बच्चों को ना खाने दें.

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Published : Aug 29, 2020, 1:53 PM IST

पटनाःत्यौहार के मौसम में पटना से सटे बिहटा और मनेर में फल व्यवसाई खुलेआम कच्चे फल को केमिकल से पकाकर बेचने के लिए तैयार कर रहे हैं. लोगों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ से प्रशासन भी अनजान नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के फल स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं.

केमिकल से केले को धोते लोग

लॉकडाउन के दौरान कई त्यौहार आकर चले गए. अब जबकि लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिली है तो त्यौहारों को देखते हुए फलों का बाजार भी सज रहा है. लेकिन फल व्यवसाई इन दिनों लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं. राजधानी पटना से सटे बिहटा और मनेर में कई जगहों पर सड़क किनारे फल व्यवसाई केमिकल और अन्य पदार्थ से फल पकाते और बाजार में बेचने से पहले उसे केमिकल से धोते नजर आ जाएंगे.

कार्बाइड केमिकल

केमिकल से धोकर बाजारों में आते हैं केले
बिहार में रविवार को होने वाली कर्मा धर्मा पूजा (भाई का पर्व) के लिए बाजार में काफी फल बाहर से आ रहे हैं. जो कच्चे रहते हैं. बात अगर कच्चे केले की करें तो फल व्यवसाई इसे केमिकल और अन्य पदार्थ से पकाते हैं. साथ ही उसको बेचने से पहले उसी केमिकल से धोकर बाजारों में लाते हैं. यह नजारा बिहटा और मनेर के NH-30 मार्ग का है जहां इन दिनों खुलेआम गलत तरीके से कच्चे फल को पकाकर बाजारों में बेचा जा रहा है.

केले को केमिकल से धोता मजदूर

दूसरे राज्यों से आते है कच्चे फल
आपको बता दें कि त्यौहार आते ही दूसरे राज्यों से कच्चे केले ट्रक और छोटी गाड़ियों से बिहटा और मनेर के बाजार में लाया जाता है. बाजार में जाने से पहले सुबह ही सड़क किनारे वाहनों को खड़ा करके फल को केमिकल के बड़े डब्बे में धोया जाता है. उसके बाद उसे बाजार में बेचा जा रहा है. हालांकि प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं करती. जिससे इन लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
वहीं, जब इस संबंध में फल व्यवसाई चंदन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाहर से फल को लाने के बाद हमेशा धोया जाता है. हालांकि फल धोने के पास ही एक केमिकल का डब्बा पड़ा हुआ था. पानी भी रंगीन था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी में केमिकल या अन्य पदार्थ मिलाए गए हैं. जिससे धोने के बाद कच्चा फल तुरंत पकना शुरू हो जाता है.

डॉ कृष्ण कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी

'स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ऐसा फल'
इस सिलसिले में बिहटा प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि इस तरह के कई मामले हमेशा सामने आते रहे हैं. लगातार जिला को इसकी सूचना दी जाती है जिसके बाद कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन कुछ दिन के बाद फिर से ये खेल शुरू हो जाता है. खुले आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के फल लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है.

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