पटनाः पहले तो बिहारी (Bihari Native) मूल के खासकर मजदूर वर्ग के लोगों को दूसरे प्रदेशों में अपमान झेलना पड़ता था, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर (jammu Kashmir) में इन दिनों हालात ऐसे हैं कि बिहारी होने की जानकारी मिलते ही उनकी हत्या कर दी जा रही है. आतंकी लोगों से पहले आधार कार्ड (Aadhar Card) मांग रहे हैं, इसके बाद बिहारी नागरिक देखते ही उन्हें गोली मार रहे हैं.
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कश्मीर के ऐसे हालात का जिक्र आतंकियों के हाथों मारे गए अरविंद के दोस्त और कश्मीर में उनके साथ रहकर कमाने वाले बांका निवासी दिनेश साह ने की. दिनेश ने बताया कि आतंकवादियों की गोली का शिकार बने उनके गांव पड़घड़ी निवासी अरविंद कुमार साह और वे दोनों एक ही कमरे में रहते थे. वे दोनों अलग-अलग इलाकों में गोलगप्पे बेचने का काम करते थे.
तभी उन्हें जानकारी मिली कि अरविंद को गोली लग गई है. फिर पता चला कि उन्हें गोली लगी नहीं है बल्कि आतंकवादियों ने मारी है. दिनेश ने बताया कि अरविंद से आतंकियों ने सबसे पहले आधार कार्ड मांगा था. आधार कार्ड में बिहार का नागरिक देखते ही उसे गोली मार दी. दिनेश बताते हैं कि कश्मीर का माहौल पहले ऐसा नहीं था लेकिन अब काफी बिगड़ चुका है.
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अरविंद के साथ कश्मीर में ही उनका एक छोटा भाई मुकेश भी रहता था. दरअसल, भाई की हत्या के बाद रविवार की रात जब अरविंद के पार्थिव शरीर को पटना लाया गया तो उनके साथ गांव के दिनेश और भाई मुकेश भी साथ में थे. भाई की आंखों में आंसू थे. उन्होंने कहा कि अब मजदूरों के लिए कमाने लायक नहीं रह गया है. वहां का माहौल काफी खराब है.