पटना: करोना महामारी के दौरान श्रम संसाधन विभाग में 2600 पदों पर बहाली का झांसा देकर साइबर ठग लोगों से पैसे ठग रहे थे. बिहार स्टेट एंप्लॉयमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी मैनपॉवर एजेंसी के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर पैसे ऐंठे जा रहे थे. लोगों को www.bseds.in का पता दिया गया है. उसे खोलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा की तस्वीर दिखती है.
श्रम संसाधन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर ठगी, जांच के आदेश
साइबर अपराधी श्रम संसाधन विभाग की फर्जी का वेबसाइट बनाकर नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी कर रहा था. विभाग को इसकी जानकारी मिली तो जांच के आदेश दिए गए हैं.
500 रुपए थे आवेदन शुल्क
साइबर ठगों ने बिहार सरकार के अधीन कंपनी का हवाला देते हुए यह वेबसाइट बनाया है. इस वेबसाइट के जरिए विज्ञापन में 207 स्टेनोग्राफर, 1105 डाटा एंट्री ऑपरेटर और 1366 चपरासी के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे है. आवेदन के लिए 500 रुपए शुल्क लिए जा रहे थे. इसकी जानकारी जैसे विभाग को हुई आर्थिक अपराध इकाई को जांच के निर्देश दिए गए.
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
विभाग के मंत्री विजय सिन्हा की माने तो विभाग में ऐसी कोई एजेंसी नहीं है. और ना ही विज्ञापन निकाला गया है. मामले की जांच कराई जा रही है. बेरोजगारों को ठगने की यह कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को संबंधित विभाग से जानकारी लेकर आवेदन करना चाहिए. बता दें कि बहाली में ना तो विज्ञापन संख्या है और ना ही वेतन की जानकारी दी गई है.