मेरठ/पटना: जिले में डॉक्टर से करोड़ों की ठगी का अजीबो गरीब मामला सामने आया है. डॉक्टर के पास सूफी संत बनकर आए ठगों ने न सिर्फ डॉक्टर को परिवार की मौत होने का खौफ दिखाया, बल्कि अलादीन के जादुई चिराग के नाम पर 32 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया. हालांकि, ठगों ने दो साल में डॉक्टर से कुल ढाई करोड़ रुपये ठग लिए. ठगी का शिकार हुए डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेकर दो ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि उनकी महिला साथी फरार चल रही है.
जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए दोनों अभियुक्त अपनी मां का इलाज कराने के लिए डॉक्टर के पास आए थे. अभियुक्तों ने डॉक्टर के परिवार पर मौत का साया होना बताकर झाड़-फूंक के बहाने घर में प्रवेश कर लिया. इसके बाद अभियुक्तों ने डॉक्टर को पीली धातु का जादुई चिराग देकर 32 लाख रुपये ठग लिए.
महिला के इलाज के बहाने डॉक्टर के पास आए थे
पीड़ित डॉक्टर लईक अहमद खान के मुताबिक करीब दो साल पहले इकरामुद्दीन अपनी मां के इलाज के लिए उनके पास आए थे. उन्होंने डॉक्टर लईक पर भरोसा जताते हुए सस्ते इलाज की बात कही थी. डॉक्टर लईक ने उनकी माली हालत देखकर कम पैसों में इलाज शुरू कर दिया. इतना ही नहीं मरीज की गंभीर हालत के चलते घर जाकर उसकी मरहम पट्टी भी की. इस दौरान इकरामुद्दीन और उसकी मां ने डॉक्टर को अपने झांसे में फंसा लिया. इसके बाद डॉक्टर ने भी अपने घर-परिवार की सारी बातें उनके सामने साझा करनी शुरू कर दी. वह उनसे इतने घुल मिल गए कि एक-दूसरे की सलाह तक लेने लग गए, लेकिन डॉक्टर ने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस पर वह इतना विश्वास कर रहे हैं, उसकी नजर डॉक्टर की कमाई पर टिकी हुई है.
परिवार पर मौत का साया होना बताकर की ठगी
डॉक्टर लईक अहमद ने बताया कि कुछ दिन बाद ही महिला और इकरामुद्दीन ने डॉक्टर के घर-परिवार पर मौत का साया होना बताकर उन्हें इतना डरा दिया कि डॉक्टर उनके कहने पर सूफी संतों का सहारा लेने लगे. ये सूफी संत कोई और नहीं बल्कि खुद इकरामुद्दीन और अनीस ही बन गए. इसके बाद दोनों ने पढ़े-लिखे डिग्रीधारी डॉक्टर की बुद्धि पर पर्दा डालकर ठगना शुरू कर दिया. डॉक्टर भी परिवार की मौत होने के डर से इतना डर गया कि अपनी जिंदगी भर की कमाई दांव पर लगा दी. डॉ. लईक न सिर्फ सूफी संतों के चक्कर काटने लगे, बल्कि उन्हें अपने घर पर भी बुला लिया. डेढ़ साल से सूफी के भेष में इकरामुद्दीन और अनीस ने ठगना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं प्रसाद के बहाने मिठाई में नशीला पदार्थ खिलाकर सूफी संत बने ठगों ने डॉक्टर को अपने वश में कर लिया. इसके बाद जो ठग बोलते, वही डॉक्टर करते थे.