बीएसएससी सीजीएल परिणाम में धांधली का आरोप पटना:बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने संयुक्त स्नातक स्तरीय तृतीय के प्रीलिम्स परीक्षा का रिजल्ट बुधवार को जारी कर दिया. 2187 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा में 11240 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जो मेंस परीक्षा में सम्मिलित होंगे. रिजल्ट के बाद प्रदेश के चर्चित छात्र नेता और राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि उनके पास रिजल्ट जारी होने के बाद से सुबह से फोन आ रहे हैं और छात्र कह रहे हैं कि बीएसएससी ने धांधली सेटिंग की है.
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परीक्षा में पारदर्शिता नहीं: दिलीप कुमार ने कहा कि बीएसएससी ने रिजल्ट में कोई पारदर्शिता नहीं बरती है और इस वजह से अभ्यर्थियों में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि जो छात्र अपनी मेहनत और ईमानदारी से सफल हुए हैं, उन्हें बधाई और मेंस में बेहतर करने के लिए शुभकामनाएं, लेकिन इस पूरे परीक्षा में कहीं भी पारदर्शिता नहीं बरती गई है. रिजल्ट जारी किया गया, लेकिन कटऑफ जारी नहीं किया गया है. छात्र को यह जानने का हक है कि वह कितने नंबर से और सफल रहा है और जो सफल हुए हैं. उन्हें भी यह जानने का हक है कि उन्होंने कितने अंक लाकर सफलता प्राप्त की है.
"एसएससी ने रिजल्ट में कोई पारदर्शिता नहीं बरती है और इस वजह से अभ्यर्थियों में नाराजगी है. जो छात्र अपनी मेहनत और ईमानदारी से सफल हुए हैं, उन्हें बधाई और मेंस में बेहतर करने के लिए शुभकामनाएं, लेकिन इस पूरे परीक्षा में कहीं भी पारदर्शिता नहीं बरती गई है. रिजल्ट जारी किया गया, लेकिन कटऑफ जारी नहीं किया गया है. छात्र को यह जानने का हक है कि वह कितने नंबर से और सफल रहा है और जो सफल हुए हैं" - दिलीप कुमार, छात्र नेता
आंसर शीट जारी करने की छात्रों ने की थी मांग: छात्र नेता ने कहा कि छात्र लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि ओएमआर शीट का कार्बन कॉपी जारी किया जाए, कम से कम नेट पर इसे अपलोड किया जाए लेकिन आयोग नहीं कर रहा है. छात्रों की मांग पर उन्होंने डिमांड की थी कि क्वेश्चन बुकलेट और आंसर की बीएसएससी जारी करे, लेकिन आयोग ने नहीं किया. छात्रों को यह जानने का हक है कि आयोग ने किस क्वेश्चन के लिए किस आंसर को सही माना है. बीएसएससी ने पारदर्शिता नहीं बरती है और अभी से भी वह मांग करते हैं कि आयोग प्रीलिम्स परीक्षा का कटऑफ जारी करें.
आयोग अपना रहा तानाशाही रवैया: छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि क्वेश्चन बुकलेट और आंसर की जारी किया जाए क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो यह 900000 अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है. आयोग तानाशाही रवैया अपना रहा है. वह सरकार से मांग करते हैं कि अभ्यर्थियों के साथ अन्याय को रोका जाए और इस परीक्षा में पारदर्शिता बरती जाए नहीं तो तमाम अभ्यर्थियों के साथ-साथ वह भी यही मानेंगे कि बीएसएससी सीजीएल 3 की परीक्षा में आयोग धांधली और सेटिंग कर रहा है.