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टेररिस्ट तक हथियार पहुंचाने वाले 4 युवक गिरफ्तार, जानिए क्या है आतंकियों का बिहार कनेक्शन

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Published : Jul 24, 2021, 5:12 PM IST

आतंकियों (Terrorists) को हथियार सप्लाई करने वाले नेटवर्क के तार बिहार से जुड़ गए है. आतंकवादियों तक हथियार पहुंचाने वाले 4 युवकों की गिरफ्तारी छपरा (Chapra) जिले से हुई है. आतंकी अब बिहार से छोटे हथियार मंगा रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

पटना
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पटना:जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकियों (Terrorists) को हथियार सप्लाई करने वाले नेटवर्क के तार बिहार के सारण (Sran) से जुड़ गए हैं. 15 फरवरी 2021 को जावेद को एनआईए (NIA) की मदद से एटीएस (ATS) ने छपरा (Chapra) से गिरफ्तार किया था. जावेद और मुस्तफा की गिरफ्तारी के बाद इसी गांव से अरमान और मोहम्मद गुड्डू को भी गिरफ्तार किया गया है.

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इनके द्वारा जम्मू कश्मीर के आतंकियों को हथियार सप्लाई किए गए हैं. परिजनों के मुताबिक गिरफ्तार अरमान पिछले 6 महीने पहले ही केरल में रहकर टाइल्स लगाने का काम करके वापस लौटा था. वहीं, पहले गिरफ्तार हो चुके जावेद की दोस्ती पंजाब के कॉलेज में कथित आतंकी कनेक्शन वाले कश्मीर के मुस्ताक नाम के युवक से हुई थी. जावेद ही सारण से पिस्तौल मुस्ताक को मुहैया करवाया करता था.

बिहार में इन दिनों हुए बांका ब्लास्ट (Banka Blast) या दरभंगा ब्लास्ट (Darbhanga Blast) या छपरा जिले से चार युवकों की गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हो रहा है कि बिहार से आतंकियों का कहीं ना कहीं थोड़ा कनेक्शन जुड़ चुका है. दरअसल, जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने खुलासा किया था कि पुलवामा की तरह जम्मू में आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश का खुलासा हो गया है.

देखें रिपोर्ट

लेकिन, अब आतंकी बिहार से छोटे हथियार मंगा रहे हैं. साल 2013 में नरेंद्र मोदी की रैली में पहले सभा स्थल पर सिलसिलेवार कई बम धमाके हुए थे, तब इस घटना की जांच में खुलासा हुआ था कि बिहार में आतंकवाद की जड़ काफी गहरी हो चुकी है.

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दरअसल, जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने यह खुलासा किया था कि दक्षिणी कश्मीर के रहने वाले आतंकवादी हिदायतुला मलिक ने बिहार से हथियार मंगाने के लिए एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर रखा है. उन्होंने यह भी खुलासा किया था कि बिहार से अब तक 7 पिस्टल मंगाकर आतंकवादियों के बीच दे दिए गए हैं. बिहार का सीमांचल और मिथिलांचल इलाका आतंकवादियों के लिए सेफ जोन माना जाता है, क्योंकि इन इलाकों से आसानी से आतंकी बिहार के रास्ते नेपाल या बांग्लादेश फरार हो जाते हैं.

बता दें कि साल 2000 में नेपाल के सीमा से लगे सीतामढ़ी जिले से हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मकबूल और जाहिर को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में मधुबनी जिले के रहने वाला मोहम्मद कमाल जो कि इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिवनी का सदस्य था, उसे भी गिरफ्तार किया गया था.

2014 से पहले पूरे देश में कई जगहों पर बम ब्लास्ट के मामले में जितने आतंकी पकड़े गए थे, उनमें एक दर्जन आतंकी लगभग दरभंगा जिले के ही रहने वाले थे. वहीं, देशद्रोही बयान देने वाला सरजील इमाम भी बिहार के जहानाबाद का रहने वाला था. इसके अलावा नेपाल से सटे मोतिहारी जिले से इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल और असदुल्लाह उर्फ हड्डी की भी गिरफ्तारी से यह साबित हो गया है कि बिहार को आतंकियों ने अपना पनाहगाह बना रखा है.

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27 अक्टूबर 2013 को राजधानी पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी के पहुंचने से पहले सीरियल ब्लास्ट में कई लोगों की जान गई थी, जिसके बाद एनआईए को जांच के बाद पता चला था कि आतंकी द्वारा इस घटना को अंजाम देने के लिए बिहार के कई स्लीपर सेल का इस्तेमाल किया गया था. जिसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार के कई जिलों में आतंकियों ने स्लीपर सेल बना रखा है.

दरअसल, साल 2018 में मुंगेर के कुएं में छिपाकर रखी गई 20 की संख्या में एके-47 की बरामदगी के बाद देशभर में सनसनी फैल गई थी. हालांकि, तब इस बात का खुलासा हुआ था कि मध्य प्रदेश की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से गायब हुए 50 एके-47 में से 20 एके-47 हैं. बिहार का मुंगेर जिला अवैध हथियार के निर्माण के लिए माना जाता है.

बताया जाता है कि कभी यहां आए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हुआ करती थी जिसे अब बंद कर दिया गया है. इसके बाद फैक्ट्री में काम करने वाले कारीगर अवैध रूप से हथियार बनाने का काम करते हैं. मुंगेर में 9 एमएम पिस्टल के साथ एके-47 जैसे घातक हथियार भी बनाए जाने की बात सामने आती है.

''बिहार के सारण जिले में भी अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा बिहार के कई जिलों में अवैध हथियार बनाने का कार्य चल रहा है. बिहार से पहले भी कई आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिससे यह पुष्टि होती है कि बिहार कहीं ना कहीं आतंकियों के पनाहगाह माना जाने लगा है.''-ललन सिंह, रक्षा विशेषज्ञ

हालांकि, रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह ने भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि मुंगेर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बंद होने के बाद वहां के कारीगरों द्वारा पुलिस की दबिश के बाद यह बिहार के कई जिले में फैल गए हैं और उन जिलों में अवैध हथियार बनाने का काम कर रहे हैं.

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