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फर्जी मार्कशीट बनाकर एडमिशन दिलाने वाले चार अभियुक्तों को आर्थिक अपराध इकाई ने दबोचा - आर्थिक अपराध इकाई ने चार अभियुक्तों किया गिरफ्तार

पटना में ईओयू ने फर्जी संस्था का खुलासा किया (EOU Exposed Fake Education Organization In Patna) था. जो फर्जी तरीके से छात्रों का एडमिशन विभन्नों कॉलेज में करवाता था.उसी मामले में नामजद चार और अभियुक्तों की गिरफ्तारी आज की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Four fake marksheet Producer arrested in Patna
Four fake marksheet Producer arrested in Patna

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Published : Dec 9, 2022, 9:51 PM IST

पटना:राजधानी पटना में आर्थिक अपराध इकाई ने छापेमारी की (Economic Offences Unit Raid In Patna) है. विगत 3 दिसंबर को बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन के छात्रों का अवैध रूप से नामांकन और रजिस्ट्रेशन करवाने वाली फर्जी संस्था के मुख्य सरगना फहीम अहमद को गिरफ्तार किया गया था. उसी मामले में नामजद चार और अभियुक्तों की गिरफ्तारी की (Economic Offences Unit Arrested 4 Accused) गई है. नामजद अभियुक्त बबलू कुमार, तरुण कुमार अभय कुमार और राजू गिरी को को गिरफ्तार किया गया है.

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गलत प्रमाण पत्र बनाकर दिलाया जाता है एडमिशन :आपको बता दे कि पूछताछ में एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक फहीम अहमद द्वारा बताया गया था कि जब भी कोई छात्र कोर्स यथा डॉक्टरी इंजीनियरिंग आदि में नामांकन करवाने के लिए इनके कार्यालय में संपर्क करते हैं. तो इनके एकेडमिक्स आदि की सारी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं. यदि जानकारी प्राप्त होती है कि छात्र बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग और एग्जामिनेशन 12वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हैं तो यह कर्मियों की मदद से उसका नामांकन और रजिस्ट्रेशन विभिन्न स्टडी सेंटर के माध्यम से करवा देते हैं. आयोग छात्र से राशि लेकर उसके स्थान पर किसी अन्य छात्र स्कॉलर को परीक्षा में शामिल करवा कर उसे अच्छे नंबरों से 12वीं पास करवा देते हैं.

नामजद चारों अभियुक्तों को भेजा गया जेल:इन सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और इस मामले में जांच किया जा रहा है. दरअसल इन अपराधियों के द्वारा एडमिशन प्रोवाइडर के नाम से कार्यालय चलाकर जिन छात्रों का कम नंबर आया करता था या जो छात्र फेल होते थे. उनके नंबरों को बढ़वा कर फर्जी संस्थानों एडमिशन के साथ-साथ फर्जी मार्कशीट बनवाया करता था.

"छात्र से राशि लेकर उसके स्थान पर किसी अन्य छात्र स्कॉलर को परीक्षा में शामिल करवा कर उसे अच्छे नंबरों से 12वीं पास करवा देते हैं. अगर कोई छात्र स्वयं परीक्षा में सम्मिलित होता है या मुझ से कम नंबर आते हैं तो उन छात्रों से राशि लेकर उनके नंबर को आयोग के कर्मियों की मदद से बढ़वा कर, फर्जी अंकपत्र प्रमाण पत्र तैयार करवा देते थे. इससे भविष्य में सत्यापन के समय भी प्रमाण पत्र पकड़ा नहीं जाता था. इन पत्रों के आधार पर छात्रों की इच्छा अनुसार अन्य राज्यों के कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं विभिन्न कोर्स में एडमिशन करवा देते थे. और उसके एवज में कोर्स पाठ्यक्रम एवं कॉलेज, विश्वविद्यालय के अनुसार उससे सर्विस चार्ज वसूलते थे."- फहीम अहमद, अभियुक्त

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