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पटना में प्रतियोगी परीक्षा पास कराने वाले चार शातिर गिरफ्तार, पुलिस वाला निकला मास्टरमाइंड

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Published : Mar 26, 2022, 10:00 AM IST

Updated : Mar 26, 2022, 10:38 AM IST

बिहार की राजधानी पटना में रुपए लेकर सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा पास कराने वाले चार सेटर्स (Four Setters Arrested For Passing Exams For Government Jobs) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी पटना के पत्रकार नगर थाना की पुलिस ने की है. पुलिस ने शातिरों के बैग से काफी संख्या में ब्लूटूथ डिवाइस बरामद किए है. सभी शातिरों में लखीसराय के बड़हड़िया थाने में तैनात एक सिपाही भी शामिल है. पढ़ें पूरी खबर..

Four setters arrested in Patna
Four setters arrested in Patna

पटना:बिहार में बढ़ती बेरोजगारी के बीच नौकरी के नाम पर ठगी का कारोबार भी जारी है. ऐसे में दलालों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ऐसे लोगों की पहचान कर लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में पटना पुलिस की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. जिसमें सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस गैंग का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि लखीसराय में कांस्टेबल के पद पर तैनात एक पुलिसकर्मी है. इस मामले में पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षा में धांधली करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार (Four Exam Setters Arrested In Patna) किया है. मामले का खुलासा शुक्रवार को पत्रकार नगर थाने (Patna Patrakar Nagar Police Station) की पुलिस ने किया है.

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दरअसल, गुरुवार की दोपहर में न्यू बाइपास स्थित एनएच 30 के पास थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती गश्ती कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस को देख सात से आठ संदिग्ध व्यक्ति भागने लगे. इस दौरान पुलिस ने खदेड़ कर चार लोगों को पकड़ लिया. जबकि इनके बाकी साथी भीड़ का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. पकड़े गए शातिरों से पुलिस ने जब पूछताछ की और तलाशी ली तो मामले का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इनके पास से एग्जाम के दौरान उम्मीदवार को सवालों का जवाब पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला कुल 29 ब्लूटूथ डिवाइस बरामद किया है. इसमें 21 नैनो ब्लूटूथ डिवाइस और 8 ऐसे ब्लूटूथ डिवाइस हैं, जिसमें सीम कार्ड लगाने का स्लॉट बना है. ये डिवाइस ऐसे हैं, जिन्हें इनके साथ सेटिंग करने वाले उम्मीदवार अपने कपड़ों के अंदर छिपाकर परीक्षा हॉल में बैठते हैं.

सभी शातिरों की हुई पहचान: इसके अलावा 7 ऐसे उपकरण मिले हैं, जिन्हें परीक्षार्थी कान के अंदर लगाते हैं. इस डिवाइस का साइज ऐसा है कि इसे कान में लगाने के बाद किसी को पता भी नहीं चलता है. इन शातिरों के ठिकाने से पुलिस को प्रतियोगी परीक्षा देने वाले काफी सारे उम्मीदवार के एडमिट कार्ड की हार्ड कॉपी, मोबाइल नंबर की लिस्ट, चार एटीएम कार्ड और मोबाइल मिले हैं. इसके साथ ही इनके एसबीआई बैंक खाते में 5 जनवरी को 9 लाख रुपये जमा करने के सबूत मिले हैं. गिरफ्तार शातिरों की पहचान गया के बिगहा थाना टेकारी निवासी 29 वर्षीय मनोज कुमार उर्फ हरी मल्हैया मुरगी, 22 वर्षीय विकास कुमार, नालंदा के सरमेरा का गोपेश कुमार (स्कॉलर) और प्रभात कुमार (लखीसराय में सिपाही) के रूप में हुई है. इसमें पकड़ा गया प्रभात कुमार लखीसराय के बड़हड़िया थाने में सिपाही पद पर तैनात है.

फायर ब्रिगेड परीक्षा की सेटिंग में जुटे थे सभी शातिर: थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि ये गिरोह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की सेटिंग कराता था. स्कॉलर बैठाने से लेकर परीक्षा में हर स्तर पर सेटिंग कराने का काम सभी करते थे. पूछताछ में पता चला कि ये गिरोह सिपाही भर्ती, फायर ब्रिगेड के अलावे अन्य परीक्षाओं में सेटिंग के नाम पर कई छात्रों से पैसे उठा चुके थे. लाखों रुपये के ट्राजेक्शन भी इनके खाते में मिले हैं. इसके अलावा मोबाइल और लैपटॉप कई छात्रों के डॉक्यूमेंट भी मिले हैं. मालूम हो कि फायर ब्रिगेड विभाग की परीक्षा जल्द ही होने वाली है.

लखीसराय में सिपाही पद पर तैनात था प्रभात:थानाध्यक्ष ने बताया किलखीसराय के बड़हड़िया थाने में तैनात प्रभात कुमार के बारे में जब बड़हड़िया थानाध्यक्ष से बातचीत की गयी तो पता चला कि दो महीने पहले वह लाइन में योगदान किया था. वह कई दिनों तक थाने में सिपाही पद पर काम कर चुका है. काफी तेज तर्रार सिपाही था. मुझे भी इस बात की जानकारी मिली है. वहीं सूत्र बताते हैं कि वह कई सालों से इस गिरोह को चला रहा था और अबतक कई छात्रों से सिपाही भर्ती के नाम पर पैसा ले चुका है.

शातिरों में एक फोटो मिक्सिंग करने में माहिर:थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि इस गिरोह के अन्य फरार शातिरों में एक फोटो मिक्सिंग करने में माहिर है. जो केवल परीक्षार्थियों के वास्तविक फोटो से छेड़छाड़ कर फॉर्म भरता था. यही नहीं इसके अलावे अन्य तकनीकी कार्य भी वहीं हैडल करता है. जानकारी के अनुसार, फरार अन्य शातिर पटना के रहने वाले हैं और सभी के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है.

एसबीआई खाता में 9 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन:मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने जब छानबीन की तो एसबीआइ के एक खाते में 9 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन पाया गया है. इनके बैंक खातों और मोबाइल फोन में संरक्षित डाटा की गहन छानबीन और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है. साथ ही साथ ऐसे लोगों की खोज की जा रही है. जिनसे इन लोगों ने परीक्षा पास कराने के नाम पर ठगी किया है. सूत्रों ने बताया कि इस गिरोह में कई सरकारी कर्मचारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं.

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Last Updated : Mar 26, 2022, 10:38 AM IST

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