पटना:देश का सबसे पुराना सरकारी आयुर्वेदिक संस्थान ने सोमवार को अपना 96वां स्थापना दिवस मनाया. राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय (Ayurveda College Patna) के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पर्यावरण एवं जलवायु विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह और विशेष सचिव कार्यपालक निदेशक राज्य आयुष समिति अरविंदर सिंह मौजूद रहे. स्थापना दिवस का थीम वनौषधियम रखा गया जिसमें मेडिसिनल प्लांट्स (Medicinal Plants) के बारे में विशेष रूप से चर्चा की गई.
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स्थापना दिवस कार्यक्रम के मौके पर विशेष सचिव सह कार्यपालक निदेशक राज्य आयुष समिति अरविंदर सिंह ने बताया कि वह इस महाविद्यालय के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
'महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी जल्द ही दूर की जाएगी. महाविद्यालय के विकास के लिए कई सारी योजनाएं बनाई जा रही है और कॉलेज को एक हरबेरियम की जरूरत थी जिसे कॉलेज के हॉस्टल के पास बनाया गया है. जल्द ही यह सुचारू हो जाएगा. इसके अलावा कॉलेज को और बहुत सारे इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है, इसके लिए कई सारी योजनाएं बन गई है. कई के डीपीआर भी अप्रूव हो गए हैं.'-अरविंदर सिंह, विशेष सचिव, राज्य आयुष समिति
कुछ डीपीआर के अप्रूवल के साथ उसमें कुछ राशि भी आवंटित कर दी गई है. साथ ही कॉलेज में मैन पावर की कमी को दूर करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं. पहले आयुर्वेद कॉलेज में 60 सीट ही थे जिसे पिछले सत्र से बढ़ाकर 125 कर दिया गया है इसके अलावा पीजी में भी सभी विषयों की पढ़ाई शुरू की गई है और अब लक्ष्य है कि महाविद्यालय में पीएचडी की पढ़ाई जल्द शुरू कराई जाए.
'इस बार जो स्थापना दिवस का थीम है वह वनौषधियम है. यानी कि इस बार मेडिसिनल प्लांट पर विशेष फोकस किया गया है. मेडिसिनल प्लांट के प्रोडक्शन पर अगर सही से ध्यान दिया जाए तो बेरोजगारी दूर हो सकती है. इसके साथ ही लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा. हमारी आयुर्वेद में लगभग 400 आयुर्वेदिक पौधे हैं और इस पर अगर सही से ध्यान दिया जाए तो यह एक बहुत अच्छा व्यवसाय हो सकता है.'- प्रोफेसर दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य
स्थापना दिवस के मौके पर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि यह उनके लिए काफी सुखद क्षण है. वह यहां के पूर्ववर्ती छात्र भी रहे हैं. संस्थान में बतौर शिक्षक उन्होंने सेवा भी दी है और अब प्राचार्य की हैसियत से 96वां स्थापना दिवस मनाने का उन्हें सौभाग्य हासिल हुआ है.
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