पटना: बिाहर की राजधानी पटना के दानापुर में बिहार रेजीमेंट केंद्र का स्थापना दिवस बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया. इस अवसर पर बिहार रेजीमेंट केंद्र के अमर शहीदों को श्रधांजलि देने के साथ-साथ पूजा एवं खाने का भी आयोजन किया गया. वहीं इस दौरान सेनिकों के इतिहास को याद कर उन्हें श्रधांजलि दी गई.
सैनिकों का इतिहास प्रेरणादायक:दरअसल, पटना बिहार के सैनिकों का इतिहास काफी ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक रहा है. 1 नवंबर 1945 को आगरा में ले. कर्नल आरसी मुल्लर के द्वारा बिहार रेजीमेंट केंद्र की स्थापना की गई थी. इस रेजीमेंट का 81 वर्षों से निरंतर देश की सेवा का गौरवमयी इतिहास रहा है. 15 सितंबर 1941 को अंग्रेजी सेना के मेजर जे आर एच ट्वीड मिलिट्री क्रास के द्वारा प्रथम बिहार बटालियन का गठन किया गया था. बिहार रेजीमेंट केंद्र आगरा में स्थापना के बाद गया और फिर 1949 में दानापुर स्थानांतरित हुआ.
बिहार रेजिमेंट के योद्धाओं की बहादुरी का जवाब नहीं:भारतीय सेना के इतिहास में बिहार रेजिमेंट के योद्धाओं की बहादुरी, वीरता एवं विजेता रहने की निशानी स्वर्णाक्षरों में अकित है. दूसरे भारत-पाक युद्ध 1971 के दौरान बांग्लादेश की आजादी के लिए मुक्ति सेना बनकर वीर बिहारी जवानों ने परचम लहराया. सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के रूप में जवानों ने शौर्य और पराक्रम में वीरता का परिचय दिया और वर्ष 1999 में कारगिल में बिहार रेजीमेंट के जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में साहस व वीरता दर्शाते हुए पाक सैनिकों को मार गिराया. हाल ही में गलवान में 17 जून 2020 को जवानों ने वीरता का एक नया अध्याय जोड़ा और चीनी सेना से अपना लोहा मनवाया.