पटनाःबिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से महागठबंधन की सरकार(Formula Of Mahagathbandhan Cabinet In Bihar) बन गई है. नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. साथ में तेजस्वी यादव ने भी डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली है. मंत्री पद को लेकर पहले से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच चर्चा हो चुकी है. आरजेडी को 18 मंत्री पद मिल सकते हैं तो वहीं जेडीयू को 13 मंत्री पद और कांग्रेस के हिस्से में तीन मंत्री पद जा सकता है. इसके अलावा अगर माले मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए तैयार होगा तो एक मंत्री पद माले को भी मिलेगा. जीतनराम मांझी की पार्टी हम से एक और एक निर्दलीय का भी मंत्री बनना तय है. देखिये ये रिपोर्ट...
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जदयू को पुराने 12 मंत्री पद मिलना तयः एनडीए सरकार में 127 विधायक थे. विधान परिषद के सदस्य भी एनडीए के 50 से अधिक थे और उसमें से 30 मंत्री बनाए गए थे. बीजेपी के 16 जदयू के 12 और हम से एक और एक निर्दलीय मंत्री थे. अब महागठबंधन की सरकार में 164 विधायकों का समर्थन है आरजेडी 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है और इसलिए 18 मंत्री पद मिलना तय माना जा रहा है. यह संख्या 20 तक भी बढ़ सकती है. जदयू के पुराने 12 मंत्री पद मिलना तय माना जा रहा है. इसमें से कुछ मंत्री बदले भी जा सकते हैं लेकिन अधिकांश पुराने ही रिपीट होने की संभावना है. कांग्रेस के खाते में तीन मंत्री पद जाएगा. ऐसे सूत्र के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कांग्रेस कोटे से एक उप मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे. लेकिन उसके लिए तेजस्वी यादव तैयार नहीं हुए.
विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी पर सबकी नजरःवहीं, निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह जिन्होंने जदयू का समर्थन कर रखा है, इनका भी मंत्री बनना तय है. साथ ही जीतन राम मांझी के बेटे सुमन मांझी का भी मंत्री पद तय है. बात वामपंथी दलों की करें तो वामपंथी दल के नेताओं के अनुसार अभी तक उनके केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला नहीं लिया है. लेकिन माले के तैयार होने पर माले को एक मंत्री पद मिलेगा. लेकिन सबकी नजर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी पर लगाी है. जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी पहले भी बिहार विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं यदि मंत्री नहीं बनाए जाते हैं और आरजेडी तैयार हो जाती है तो विजय चौधरी विधानसभा अध्यक्ष बन सकते हैं. लेकिन आरजेडी की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी की डिमांड की गई है. ऐसे में अवध बिहारी चौधरी का नाम चर्चा में है यानी विधानसभा की कुर्सी पर चौधरी का ही कब्जा होना तय माना जा रहा है.
इन विधायकों के नाम की है चर्चाः जहां तक नामों की चर्चा करें तो जदयू अपने पुराने चेहरे को रिपीट करने की तैयारी कर रहा है. जिसमें विजेंद्र यादव, विजय चौधरी, संजय झा, अशोक चौधरी, जमा खान , लेसी सिंह, श्रवण कुमार, मदन साहनी, सुनील कुमार का मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है. शीला मंडल और जयंत राज को लेकर सस्पेंस है. वहीं, आरजेडी खेमे से तेज प्रताप यादव, भाई बिरेंद्र, आलोक मेहता, सुनील कुमार सिंह, अनीता देवी के नामों की चर्चा हो रही है. क्योंकि आरजेडी को सबसे अधिक मंत्री पद मिल रहा तो जल्दी ही फाइनल सूची भी तैयार की जाएगी. कांग्रेस से पिछले महागठबंधन सरकार में मदन मोहन झा मंत्री बनाए गए थे और इस बार भी मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है. उनके अलावा दावेदारों में अजीत शर्मा, राजेश राम और शकील अहमद खां भी हैं. हम से जीतन राम मांझी के बेटे और राष्ट्रीय अध्यक्ष सुमन मांझी का मंत्री बनना तय है तो वहीं 1 मात्र निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह का भी मंत्री बनना तय माना जा रहा है.
मुख्यमंत्री को अपने पुराने मंत्रियों पर है भरोसाः जदयू सूत्रों से जो पता चल रहा है, उसके अनुसार मुख्यमंत्री अपने पुराने मंत्रियों पर ही भरोसा करने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि कुछ मंत्री बदले भी जा सकते हैं लेकिन सबकी नजर आरजेडी पर है. आरजेडी को बीजेपी का अधिकांश विभाग मिलेगा, इसलिए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास वित्त विभाग जाना तय माना जा रहा है. साथ ही पथ निर्माण विभाग भी उनके पास रह सकता है. तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य विभाग फिर से मिल सकता है. उद्योग विभाग और कला संस्कृति युवा विभाग भी आरजेडी के पास रहेगा. आपदा विभाग और पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग आरजेडी को ही मिलेगा. आरजेडी के तरफ से गृह विभाग की भी डिमांड हो रही थी लेकिन नीतीश कुमार गृह विभाग अपने पास रखेंगे. दलों के विधायकों के हिसाब से राजद को 79 विधायक में 18, जदयू को 45 विधायक में 12, कांग्रेस को 19 विधायक में 03, माले को 12 में 01, हम को 04 विधायक में 01, निर्दलीय 1 विधायक हैं, को मंत्री पद मिल सकता है.
बाद में भरे जाएंगे कुछ पदः बिहार विधानसभा में 243 विधायकों की संख्या है. फिलहाल मोकामा के अनंत सिंह की सदस्यता समाप्त हो चुकी है, तो 242 विधायक अभी हैं. ऐसे विधानसभा के विधायकों की संख्या के आधार पर 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच जो चर्चा हुई है उसमें सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अभी कुछ मंत्री पद खाली रखा जा सकता है. बाद में मंत्रिमंडल विस्तार कर उसे भरा जाएगा. 2015 में महागठबंधन की सरकार में जो फार्मूला तय हुआ था इस बार वह फार्मूला तय होगा, इसकी उम्मीद कम है. क्योंकि जदयू के विधायकों की संख्या काफी कम है हालांकि आरजेडी के विधायक 2015 से एक कम है.
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