पटना : बिहार में एक तरफ जहां जेडीयू उपवास कर केंद्र सरकार को घेरने में जुटी हुई है, इसी बीच उसी की पार्टी के सदस्य जेडीयू से इस्तीफा देकर बाय-बाय कर रहे हैं. पूर्व सांसद मोनाजीर हसन ने जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने जनता दल यूनाइटेड पर आरोप लगाया है कि''यहां पर अब लोकतंत्र नहीं रह गया है और ना ही जेडीयू में वरिष्ठ नेताओं का कोई सम्मान नहीं रह गया है.''
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''पार्टी को सिर्फ और सिर्फ ललन सिंह अपनी मनमर्जी चला रहे हैं. किसी भी बड़े नेताओं का सम्मान नहीं है. अल्पसंख्यक समाज के लोगों का महागठबंधन में कहीं भी कोई सम्मान नहीं है. सिर्फ वोट के लिए उन्हें साथ रखा जाता है. जब उन्हें पद देने की बात आती है तो ऐसे ही कुछ से कुछ दे दिया जाता है.''- मोनाजीर हसन, पूर्व सांसद
इस्तीफे से अल्पसंख्यक वोट बैंक पर होगा असर: मोनाजीर हसन ने कहा कि हम किसके साथ जाएंगे ये कार्यकर्ता से बैठक के बाद बताएंगे. फिलहाल हमने जदयू छोड़ दिया है. आगे की रणनीति आगे तय होगी. आपको बता दें कि मोनाजिर हसन जद यू कद्दावर नेता थे. वो चार बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं. माना जा रहा है इनको पार्टी छोड़ने से जद यू के अल्पसंख्यक वोट पर भारी असर पड़ सकता है.
जेडीयू में इस्तीफों का दौर : गौरतलब है कि जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा ने इसी साल बीजेपी ज्वाइन किया है. दोनों ने पार्टी से इस्तीफा देकर पार्टी में लोकतंत्र न होने का हवाला दिया था. मोनाजीर हसन ने भी ऐसा ही आरोप लगाकर खुद को जेडीयू से अलग कर लिया.