बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पूर्व IPS अमिताभ दास ने CAA और NRC के खिलाफ छेड़ा संग्राम, बिहार विप्लवी परिषद का किया गठन - Former IPS Amitabh Das interview

पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने कहा कि सीएए कानून भारतीय धर्मनिरपेक्षता की आत्मा पर सीधा प्रहार है. इसलिए ये सभी हिंदुस्तानियों को प्रभावित करेगा, खासकर मुसलमानों और कुछ दलित बहुजन समाज को ज्यादा प्रभावित करेगा.

patna
अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस

By

Published : Mar 2, 2020, 3:17 PM IST

पटनाः पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर संग्राम छेड़ दिया है. अमिताभ दास लोगों को इसके खतरे से अगाह करा रहे हैं और तमाम जिलों का दौरा कर रहे हैं. पूर्व आईपीएस ने अंतिम दम तक यह लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है. हमारे संवाददाता ने अमिताभ दास से उनके जरिए शुरू की गई इस लड़ाई के उद्देश्य और मंशा के बारे में बात की, पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंश...

प्रश्नः आपके मन में क्या इच्छा जगी कि आपने एक गैर राजनीतिक संगठन बनाया, संगठन का उद्देश्य क्या है?
उत्तर-देखिये ये पूरी तरह से गैर राजनीतिक मंच है और इसका नाम है ' बिहार विप्लवी परिषद', विप्लवी का अर्थ है क्रांतिकारी. मैं पूरे बिहार में संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ रहा हूं. कई जिलों में घूम कर लोगों को समझाया और आगे भी मेरी कोशिश जारी रहेगी.

अमिताभ दास, पूर्व आईपीएस

प्रश्नः पूरे आंदोलन पर यह आरोप है कि यह समुदाय विशेष तक सिमट कर रह गया है.
उत्तर-नहीं, ये किसी समुदाय विशेष का आंदोलन नहीं है, सिर्फ इसे बदनाम करने के लिए ऐसा कहा जा रहा है, यह कानून जो लाया गया है, यह भारतीय संविधान पर चोट है और संविधान सबका है, सिर्फ मुसलमानों का नहीं है. ये सारे हिंदुस्तानियों की लड़ाई है.

प्रश्नः सीएए कानून का स्वरूप ऐसा है कि जिससे नागरिकता दी जाएगी किसी की नागरिकता ली नहीं जाएगी, फिर आप लोग इसके खिलाफ क्यों हैं?
उत्तर-नहीं, ये झूठी बात फैलाई जा रही है कि किसी की नागरिकता छीनी नहीं जाएगी, असल मामला एनआरसी का है,जब यह बनेगा तो अधिकारियों को यह अधिकार प्राप्त हो जाएगा कि वह किसी भी नागरिक के नाम के सामने 'डी' लिख देंगे, जिसका मतलब होता है डाउटफुल सिटीजन यानि उसकी नागरिकता पर सवाल खड़े होंगे, उस वक्त ऐसे मुसलमानों को सीएए कानून के तहत नागरिकता नहीं मिलेगी. उसे डिटेनशन सेंटर में डाल दिया जाएगा जो असम में हो रहा है.

पूर्व आईपीएस अमिताभ दास से बातचीत करते संवाददाता

प्रश्नः जब नीतीश कुमार ने कह दिया किया एनआरसी बिहार में लागू नहीं होगा, सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पास हो गया, तो अब विरोध क्यों?
उत्तरः देखिये नीतीश कुमार की बात का कोई भरोसा नहीं है, पूरा हिंदुस्तान जानता है कि वह पल्टू राम है, वो कभी कहते थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. लेकिन आज 2 हजार करोड़ के सृजन घोटाले की सीबीआई जांच से बचने के लिए बीजेपी के साथ हो लिए. नीतीश ने मुसलमानों की पीठ में छूरा भोंका है.

प्रश्नः आप पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लग सकता है. आप पूरे भारतीयों की बात क्यों नहीं करते?
उत्तर-देखिये, सीएए कानून में ही मुसलमान और गैर मुसलमान में फर्क किया गया है. इसलिए हम मुसलमानों की बात कर रहे हैं. धर्म के नाम पर कानून बनाया गया है, जो भारतीय धर्मनिरपेक्षता की आत्मा पर सीधा प्रहार है. इसलिए ये सारे हिंदुस्तानियों को प्रभावित करेगा, खासकर मुसलमानों और कुछ दलित बहुजन समाज को ज्यादा प्रभावित करेगा.

प्रश्नः इस लड़ाई का अंजाम क्या होगा?
उत्तरःअंत में जीत तो सत्य की ही होगी. ये लोग चाहे जो कर लें. देश का जो मोटो है, वह सत्यमेव जयते है.

प्रश्नः कन्हैया कुमार पर अनुमति देने में केजरीवाल सरकार को 4 साल लग गए?
उत्तर- केजरीवाल के मन में क्या चल रहा है, मैं नहीं जानता. लेकिन कन्हैया कुमार एक निडर भारतीय नौजवान है, वह संविधान बचाने की बात करता है तो उस पर साजिश के तहत केस किया जा रहा है और साध्वी प्रज्ञा जैसे लोग के लिए मध्य प्रदेश में पीएम वोट मांगते हैं. ये तो दुर्भाग्यपूर्ण है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details