पटना: देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर हो रहे हमले और कोरोना से चिकित्सकों की मृत्यु के बाद उनके शवों के साथ अपमानजनक व्यवहार के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 22 अप्रैल बुधवार के दिन विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. वहीं, संगठन से जुड़े डॉक्टरों ने ही इसका विरोध जताना शुरू कर दिया है.
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि एक तरफ जब भारत समेत पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है ऐसे में विरोध प्रदर्शन उचित नहीं है.
'डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाएगी सरकार'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा कि बेशक, देश में डॉक्टर भगवान के रूप में काम करते हुए मरीजों की जान बचाने में लगे हुए हैं. उन पर हो रहे हमले कत्तई स्वीकार्य नहीं हैं. हालांकि, देश को इस समय डॉक्टरों के सहयोग की सख्त जरूरत है. इसलिए आज हो रहा विरोध प्रदर्शन उचित नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें पक्की जानकारी है, कि केंद्र सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है.
'डॉक्टरों को धैर्य से काम करने की जरूरत'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के विरोध के आह्वान पर अजय ने कहा कि इस समय डॉक्टरों को सरकार पर भरोसा करके धैर्य से काम करने की जरूरत है. गौरतलब है कि डॉक्टरों पर हो रहे लगातार हमले को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 22 अप्रैल को पूरे देश में रात 9 बजे कैंडल जलाकर विरोध करने की घोषणा की है. साथ ही इसके बाद संगठन की ओर से 23 अप्रैल को सभी डॉक्टरों को काली पट्टी लगाकर काम करने का आह्वान किया गया है.