पटना: बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए राज्य सरकार तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. इसके बावजूद भी तस्कर लगातार एक्टिव हैं. सरकार ने लाखों की लागत से दूसरे राज्य से ट्रेंड कुत्ते मंगाए हैं. यहां तक कि दीयर पहाड़ी और जंगली इलाकों में बन रहे अवैध शराब के रोकथाम के लिए ड्रोन कैमरे और हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था करा दी गई. इतना ही नहीं, अब राज्य सरकार शराब की अवैध भट्ठीयों को ध्वस्त करने के लिए दियारा जंगल और सुदूर इलाकों में छापेमारी करने के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करेगी. इसके बावजूद तस्करों पर लगाम नहीं लग रहे हैं. इस बारे में पूर्व डीजी एसके भारद्वाज (Former DG SK Bhardwaj Statement on Liquor Ban in Bihar) ने भी बयान दिया है.
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राज्य सरकार की मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने दियारा जंगल और सुदूर इलाकों के लिए सैटेलाइट फोन की खरीद की है. छापेमारी के दौरान कई सुदूर ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की प्रॉब्लम की वजह से उत्पाद टीम को काफी परेशानी होती है. एक फोन की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपए है. इस फोन में आउटगोइंग के लिए और इनकमिंग के लिए दोनों के लिए राशि का भुगतान करना पड़ता है, जो प्रत्येक कॉल 18 रुपये होता है. राज्य सरकार का मानना है कि खास कर दियारा और गंगा के किनारे शराब की अवैध भट्ठियां चलती हैं, जिस वजह से नदी में गश्ती के लिए मोटर बोट की भी खरीदारी की गई है.
राज्य सरकार द्वारा शराबबंदी कानून को सफल कराने के लिए किए जा रहे प्रयोग पर पूर्वी डीजी एसके भारद्वाज ने तंज कसते हुए कहा कि राज्य सरकार और पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयोग से यह तो साफ स्पष्ट हो रहा है कि कहीं ना कहीं राज्य की पुलिस विभाग मॉडर्नाइजेशन की ओर बढ़ रही है. राज्य सरकार शराबबंदी के लिए प्रयोग कर रही है. शराबबंदी कानून उससे सफल हो जाता है तो बिहार यह कह सकता है कि हमने शराबबंदी कानून को सफल कराया है.
पूर्व डीजी एसके भारद्वाज का मानना है कि हो सकता है कि नीतीश कुमार द्वारा शराबबंदी कानून को लेकर किए जा रहे प्रयोग पायलट प्रोजेक्ट बन जाए और अन्य राज्य भी इसको फॉलो करें. बिहार में शराबबंदी है या नहीं, इस पर तो मैं कुछ नहीं कहूंगा परंतु सरकार द्वारा की जा रही सख्ती का असर थोड़ा जरूर देखने को मिल रहा है. आम लोगों को अब आसानी से शराब मुहैया नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में लगातार शराब बंदी कानून के बाद भी पूरी की पूरी ट्रक शराब की बरामद हो रही है, ऐसे में यह कहना कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है यह सही नहीं है. अन्य जिले की बात तो छोड़िए राजधानी पटना में ही बसों के तहखाना और शराब से भरी ट्रक पकड़ी जा रही है.