पटना: भिखारी ठाकुर के शिष्य रह चुके रामचंद्र मांझी का निधन (Ramchandra Manjhi passed away) हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस पर दुख जताया है साथ ही उनके आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है. जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार से मांग की है कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हो, साथ ही उनके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए जिससे कि लौंडा नाच की विधा को बिहार में जिंदा रखा जा सके.
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"भिखारी ठाकुर के शिष्य एवं सहकर्मी रामचंद्र मांझी ने लौंडा नाच के विधा को बिहार में जिंदा रखा था और हम चाहते हैं कि बिहार में यह विधा हमेशा जिंदा रखने के लिए उनके परिवार को आर्थिक सहायता देना जरूरी है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री
बिहार सरकार आर्थिक सहायता की उम्मीद :जीतन राम मांझी के पिता भी लौंडा नाच करते थे. जिसे लेकर उनका कहना है कि यह एक अलग विधा है. इसे आम लोग काफी पसंद करते है. रामचंद्र मांझी के परिवार में भी कई लोग लौंडा नाच करते हैं. स्थानीय लोग भी चाहते हैं किल यह विधा जिंदा रहे. इसके लिए सभी चाहते हैं कि, बिहार सरकार कुछ आर्थिक सहायता दें. रामचंद्र मांझी के निधन के बाद जो लोग इस विधा के जानकार हैं वो आर्थिक मदद से इसे आगे बढ़ा सकेंगे.
बिहार के नामचीन लोक कलाकार औरभिखारी ठाकुरके शिष्य पद्मश्री रामचंद्र मांझी का बुधवार को आईजीआईएमएस पटना में निधन हो गया. वह मूल रूप से सारण जिले के नगरा के तुजारपुर के रहने वाले थे. भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर (Shakespeare of Bhojpuri Bhikhari Thakur) के लौंडा नाच मंडली के अंतिम स्तंभ के रूप में जाने जाते थे. उनकी उम्र लगभग 97 साल थी. उन्हें 2021 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था.
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