पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा की विभिन्न समितियों का गठन कर दिया है. लोक लेखा समिति प्राक्कलन समिति और सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति का गठन 31 मार्च 2022 तक के लिए प्रभावी है. गठित किए गए समिति में तेजप्रताप यादव को गैर सरकारी विधेयक और संकल्प समिति की जिम्मेवारी दी गई है, तो नंद किशोर यादव को प्राक्कलन समिति और पूर्व मंत्री प्रेम कुमार को याचिका समिति की जिम्मेवारी विधानसभा अध्यक्ष ने दी है
गठित की गई समितियों में सात बीजेपी को, आरजेडी को 6 और 5 जेडीयू के खाते में गया है, तो दो कांग्रेस को और एक, एक हम और वामदल को मिला है. गठित समितियों में सभी दलों के नेताओं को जगह दी गई है.
समितियों का गठन कुछ इस प्रकार से हुआ है:-
- लोक लेखा समिति, सुरेंद्र प्रसाद यादव
- प्राक्कलन समिति, नंदकिशोर यादव
- सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति, हरि नारायण सिंह
- याचिका समिति, प्रेम कुमार
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति, जीतन राम मांझी
- आचार समिति, रामनारायण मंडल
- जिला परिषद और पंचायती राज समिति, नरेंद्र नारायण यादव
- राजकीय आश्वासन समिति, दामोदर रावत
- बिहार विरासत विकास समिति, भाई बिरेंद्र
- प्रत्यय युक्त विधान समिति, अजीत शर्मा
- निवेदन समिति, विनोद नारायण झा
- पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति, रामप्रवेश राय
- महिला एवं बाल विकास समिति, अरुणा देवी
- कृषि उद्योग विकास समिति, कृष्ण कुमार ऋषि
- प्रश्न और ध्यान करसन समिति अमरेंद्र कुमार पांडे
- गैर सरकारी विधेयक एवं संकल्प समिति, तेज प्रताप यादव
- पुस्तकालय समिति, सुदामा प्रसाद
- पर्यटन उद्योग संबंधी समिति, अनीता देवी
- आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय सहायता समिति, शमीम अहमद
- शून्यकाल काल समिति चंद्रहास चौपाल
- अल्पसंख्यक कल्याण मोहम्मद आफाक आलम
- आवास समिति, शशि भूषण हजारी
बता दें कि बिहार विधानसभा में ऐसे तो कुल समितियों की संख्या 25 है, उसमें से तीन समिति विधानसभा अध्यक्ष अपने पास रखते हैं. शेष 22 समितियों को विभिन्न दलों के बीच बंटवारा कर दिया है. विधानसभा समितियों के गठन को लेकर तेजस्वी यादव के पत्र से मामला तूल पकड़ा था. अब देखना है विधानसभा अध्यक्ष ने, जो समिति का गठन किया है. उसको लेकर विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया होती है.