पटना:बिहार मिशन 2024 के लिए जंग का मैदान (Bihar Battleground for Mission 2024) बनता जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सियासत के केंद्र में हैं. नीतीश कुमार ने एनडीए विरोधी महागठबंधन को मजबूत करने (Nitish engaged in uniting BJP opponents) का फैसला लिया है और वह पीएम मोदी को सीधे-सीधे चुनौती देने की तैयारी में दिख रहे हैं. नीतीश कुमार अपने 3 दिनों की दिल्ली यात्रा को समाप्त कर चुके हैं.
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नीतीश ने दिल्ली यात्रा के दौरान की तमाम भाजपा विरोधी नेताओं से मुलाकात: नीतीश कुमार ने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, सीताराम येचुरी, डी राजा, शरद यादव सरीखे नेताओं से मुलाकात की और विपक्षी नेताओं को एकजुट करने को लेकर रणनीति पर विमर्श किया. नीतीश कुमार को भरोसा है कि अगर हम बिहार में भाजपा को कम सीटों पर रोक देंगे तो नरेंद्र मोदी का विजयी रथ रुक जाएगा. नीतीश कुमार ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से भाजपा को 50 सीटों पर शिकस्त देने की योजना बनाई है. नीतीश कुमार की मंशा है कि जिस तरीके से बिहार में 8 दलों का महागठबंधन तैयार हुआ है, उसी तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा विरोधी दलों का एक गठबंधन तैयार हो.
फतेहाबाद में 25 को होने वाला है विपक्षी नेताओं का जुटान : 25 सितम्बर को हरियाणा के फतेहाबाद में चौधरी देवीलाल की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और तमाम विपक्षी नेताओं से रैली में पहुंचने के लिए सहमति भी ली जा रही है. आपको बता दें कि पिछले साल भी हरियाणा के जींद में चौधरी देवीलाल की जयंती के मौके पर विपक्षी एकता को लेकर रैली की गई थी लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में होने के चलते नीतीश रैली में नहीं गए थे और केसी त्यागी को हिस्सा लेने के लिए भेजा गया था. के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को लेकर विपक्षी खेमे में संशय है. कुछ दल जहां गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी गठबंधन की वकालत कर रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार तमाम दलों को एक फोरम पर लाने की कोशिश में जुटे हैं. संभव है कि प्री पोल और पोस्ट पोल गठबंधन को लेकर मंथन का दौर जारी हो.