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Chhath Puja 2023: खादी मॉल में मिट्टी चूल्हा और गोईठा देखकर खुश हुईं मैथिली ठाकुर, छठ पूजा की खरीदारी के लिए पहुंची पटना

बिहार में छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. लोक गायिका मैथिली ठाकुर छठ पूजा को लेकर पटना खादी मॉल में खरीदारी करने के लिए पहुंचीं. मॉल में मिट्टी का चूल्हा और गोईठा देखकर काफी खुश हुई. पढ़ें पूरी खबर.

लोक गायिका मैथिली ठाकुर
लोक गायिका मैथिली ठाकुर

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 7, 2023, 6:59 PM IST

लोक गायिका मैथिली ठाकुर

पटनाबिहार में छठ महापर्व की तैयारी तेज हो गई है. बिहार के कोने-कोने से खादी मॉल पटना में छठ की सामग्री खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. इसी बीच बिहार की लोक गायिका मैथिली ठाकुर भी पटना खादी मॉल पहुंचीं. बता दें कि मैथिली बिहार खादी हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट की ब्रांड एंबेसडर भी हैं. खरीदारी के दौरान खास बातचीत में बिहार वासियों को दीपावली और छठ महापर्व की शुभकामनाएं दी.

पटना खादी मॉल में चूल्हा और गोईठा बातचीत में मैथिली ने कहा कि दीपावली काफी धूमधाम से मनाई जाती है. छठ महापर्व पर्व है. छठ बीतता नहीं है कि लोग अगले साल के लिए तैयारी में जुट जाते हैं. छठ की खरीदारी करने के लिए पटना खादी मॉल पहुंची मैथिली काफी खुश नजर आई. दरअसल, छठ के लिए मिट्टी के चूल्हे, फल, फूल कपड़ा तमाम चीज एक ही छत के नीचे मिल रहा है. आमतौर पर मॉल में मिट्टी का चूल्हा और गोईठा देखने के लिए नहीं मिलता है.

"दीपावली और छठ महापर्व को लेकर तमाम सामग्रियों की बिक्री की जा रही है, यह बड़ा ही सुखद है. मॉल में छठ के लिए मिट्टी का चूल्हा, फल, फूल कपड़ा तमाम चीज एक ही छत के नीचे खरीदारी कर सकते हैं. मैं जब भी खादी मॉल आती हूं तो मुझे कुछ अलग देखने को मिलता है. यह देखकर मुझे अच्छा लगता है.इसी का नतीजा है कि मुझे खादी से लगाव हो गया है."-मैथिली ठाकुर, लोक गायिका

पटना खादी मॉल में खरीदारी करती लोक गायिका मैथिली ठाकुर

सोशल मीडिया से बनाई पहचानः मैथिली भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने को लेकर मैथिली ठाकुर ने कहा कि 'मेरा सोशल मीडिया ही एक जरिया है, जिस पर मैं प्रतिदिन अपनी पारंपरिक गीत-भजन यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर अपलोड करती हूं. लोग कभी पहले अपनी दादी-नानी से गीत सुने होंगे, मैं उसे प्रतिदिन रिकॉर्ड करती हूं. इसका नतीजा है कि आज लाखों करोड़ों लोगों के द्वारा सुना और पसंद किया जाता है.

'बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं':मैथिली ठाकुर चार साल की उम्र से संगीत की दीवानी रही है. इनके दादाजी संगीत के गुरु रहे हैं. मैथिली बताती हैं कि वे अपने दादा जी के बदौलत इस मुकाम तक पहुंची है. बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. मैं भी बचपन में शुरुआत की थी. अपने क्रिएशन से मोबाइल पर रिकॉर्ड करके गाना को अपलोड करती थी. इसके लिए किसी को हायर नहीं किया गया. कहा कि मैं सोशल मीडिया को बढ़ावा भी देती हूं. सोशल मीडिया के माध्यम से अपना पहचान बनाया जा सकता है.

पटना खादी मॉल में खरीदारी करती लोक गायिका मैथिली ठाकुर

राम मंदिर निर्माण पर खुशी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और प्राणप्रतिष्ठा को लेकर मैथिली ठाकुर ने कहा कि 'मैं राम मंदिर हमेशा जाते रहती हूं. राम मंदिर को लेकर पूरा देश उत्साहित है. प्राण प्रतिष्ठा के बाद जैसे ही मुझे मौका मिलेगा मैं फिर राम मंदिर जाऊंगी और रामलला से आशीर्वाद प्राप्त करूंगी.

बेनीपट्टी की रहने वाली मैथिली ठाकुर मैथिली ठाकुर बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी की रहने वाली हैं. शुरुआती शिक्षा गांव में हुई और जब मैथिली के पिता दिल्ली रहने लगे तो मैथिली ठाकुर सात साल की उम्र से दिल्ली रहने लगी. गांव से जाने के बाद मैथिली ठाकुर की शिक्षा दिल्ली में हुई और वहां से ग्रेजुएशन की है. सारेगामापा लिटिल चैंप और इंडियन आइडल जूनियर से अपनी पहचान बनाई. आज पिता और भाई के साथ संगीत के क्षेत्र में शोहरत हासिल कर रही हैं.

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