पटना:लोकगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली अमृता सिन्हा ने ईटीवी भारत के साथ खास बीतचीत की. पटना की रहने वाली अमृता सिन्हा लोकगीत(Folk Singer Amrita Sinha) गाकर लोगों के दिल और दिमाग में एक जगह बना चुकी हैं. विगत 15 सालों से संघर्ष करते हुए सुर संग्राम कंपटीशन से लेकर 2021 में हुए जेएसएस आइडल, (जैन श्वेतांबर सोसायटी) के तहत मधुबन में हुए गीत के माध्यम से मुकाबला करने का काम किया है.
इसे भी पढ़ें:मधुबनी की रहने वाली अर्चना की आवाज में है जादू, मधुर संगीत से बिखेर रहीं परंपरा की खुशबू
इस साल 2022 में नगद मेडल जीतने के उपलक्ष्य में अमृता सिन्हा ने ईटीवी भारत से बातचीत (Amrita Sinha Talking With ETV Bharat) के दौरान बताया कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. वहां पर सैकड़ों लोगों के बीच में मेरे गीत को सम्मानित किया गया. हम अपने संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं और बिहार का नाम रोशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह संघर्ष हमेशा जारी रहेगा.
लोकगीत गायिका अमृता सिन्हा ने एक से बढ़कर एक गीत गाकर सुनाया. उन्होंने 'बहे के पुरवा रामा बह गईले पछुआ सजनवा रे, बह गईले शीतल बयायार'... नामक गीत को सुनाया. उन्होंने बताया कि वे खासकर भक्ति भजन ज्यादा गाती हैं. अश्लीलता से बहुत दूर रहती हैं. बहुत सारे ऐसे लोग हैं कि अश्लील गीत गा कर चमकने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग चमक भी जाते हैं लेकिन मेरा ऐसा कुछ नहीं है. मैं अपने संस्कृतिक कल्चर के अनुसार लोगों को गाना सुनाती हूं. उन्होंने कहा कि लोग मेरे गाने को पसंद भी करते हैं.