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1 लाख 12 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों का फोल्डर गायब, कैसे होगी फर्जी टीचरों की जांच?

शिक्षा विभाग के मुताबिक बिहार में कुल मिलाकर 3 लाख 52 हजार 902 नियोजित शिक्षक हैं, जिनमें 2 लाख 41 हजार 571 फोल्डर निगरानी विभाग को शिक्षा विभाग ने उपलब्ध कराया है. लगभग, एक लाख 12 हजार फोल्डर अब भी विभाग के पास नहीं है.

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Published : Sep 4, 2019, 7:21 PM IST

Updated : Sep 4, 2019, 7:31 PM IST

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पटना: बिहार में नियोजित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले की जांच 4 साल में भी पूरी नहीं हो पाई है. शिक्षा विभाग के पास यह भी आंकड़ा नहीं है कि कितने नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. विभाग ने निगरानी विभाग को कई बार आंकड़े दिए लेकिन ये आंकड़े आपस में कोई मेल नहीं खाते. ऐसे में निगरानी विभाग की जांच में खुलासा हुआ है कि शिक्षा विभाग से करीब एक लाख शिक्षकों के फोल्डर गायब हैं.

बिहार में स्थानीय निकाय के माध्यम से नियोजित शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया था. भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता की शिकायतें मिली थी. शिकायत के बाद जांच का जिम्मा निगरानी विभाग को सौंपा गया था. 4 साल बीत जाने के बाद भी जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई. इसका कारण शिक्षा विभाग के अधिकारियों का निगरानी विभाग को अपेक्षित सहयोग न करना रहा है.

निगरानी विभाग कर रहा है जांच

1 लाख 12 हजार फोल्डर गायब
शिक्षा विभाग के मुताबिक बिहार में कुल मिलाकर 3 लाख 52 हजार 902 नियोजित शिक्षक हैं, जिनमें 2 लाख 41 हजार 571 फोल्डर निगरानी विभाग को शिक्षा विभाग ने उपलब्ध कराया है. लगभग, एक लाख 12 हजार फोल्डर अब भी विभाग के पास नहीं है.

1014 फर्जी सर्टिफिकेट...
निगरानी विभाग में कुल 3 लाख 86 हजार 416 सोलह प्रमाण पत्रों की जांच की है. आज की तारीख में 3 लाख 12 हजार 902 प्रमाण पत्रों को जांच के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों में भेजा गया है, जो कि पेंडिंग हैं जांच के दौरान 1014 सर्टिफिकेट को फर्जी पाया गया है. जांच में नियोजित शिक्षकों के मैट्रिक, इंटर और स्नातक तक के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं.

खास रिपोर्ट

356 एफआईआर दर्ज
नियोजित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में निगरानी विभाग ने अब तक 356 एफआईआर की हैं, जिनमें 1309 अभियुक्त बनाए गए हैं. अभियुक्तों की सूची में जनप्रतिनिधियों का नाम भी शामिल है.

विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
नियोजित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले पर विपक्ष ने भी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि 4 साल में अब तक जांच की प्रक्रिया क्यों नहीं पूरी हुई.

विधान पार्षद, बीजेपी

भ्रष्ट अधिकारियों का अखाड़ा है शिक्षा विभाग- बीजेपी
भाजपा प्रवक्ता और विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने भी शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा किया. नवल किशोर यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग को बताना चाहिए कि फर्जी शिक्षक कैसे नियुक्त हुए. भाजपा नेता ने कहा कि शिक्षा विभाग भ्रष्ट अधिकारियों का अखाड़ा बन चुका है.

कार्रवाई होगी- कृष्ण नंदन वर्मा
शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि फोल्डर कैसे गायब हुए. इसका पता लगाया जाएगा. जांच की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी, जो विश्वविद्यालय सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनसे पत्राचार भी किया जाएगा.

कृष्ण नंदन वर्मा, शिक्षा मंत्री

कहीं, फर्जी बहाली को छिपाने के लिए तो नहीं...
सवाल यह उठता है कि जिन नियोजित शिक्षकों के डॉक्यूमेंट विभाग के पास नहीं हैं. उनका क्या होगा और उनकी नियुक्ति से संबंधित जांच की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी? कुल मिलाकर एक लाख 12 हजार नियोजित शिक्षक ऐसे हैं, जिनके फोल्डर शिक्षा विभाग के पास नहीं हैं. जाहिर तौर पर ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति जाली प्रमाण पत्र के आधार पर हुई होगी और बाद में उसे गायब कर दिया गया होगा. बता दें कि मेधा सूची तक विभाग के पास नहीं है. शिक्षा विभाग फिलहाल इस मसले पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है.

Last Updated : Sep 4, 2019, 7:31 PM IST

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