पटना:जनता के दरबार में मुख्यमंत्री (Chief Minister Nitish Kumar) ने कई विभागों की शिकायतें सुनीं. वहीं जनता दरबार( Janata Darbar In Patna) के बाहर भी कई समस्याओं को लेकर लोग पहुंचे थे जिसमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में थी. कटिहार से पहुंची महिलाओं ने मुख्यमंत्री से जमीन और घर को लेकर गुहार लगाई.
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महिलाओं का कहना था कि 2003 में ही गंगा के कटाव के कारण सब कुछ नदी में समा गया. लेकिन अब तक कुछ भी मदद सरकार की तरफ से नहीं मिली है. महिलाओं ने डेढ़ महीना पहले ही जनता दरबार के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन जनता दरबार से बुलावा नहीं आने पर खुद मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचने का फैसला लिया.
जनता दरबार के बाहर कटिहार से बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची है जो पिछले अट्ठारह 19 साल से कटाव से पीड़ित हैं. गंगा नदी के कटाव में जमीन से लेकर मकान सब कुछ बह गया और उसके बाद खानाबदोश जिंदगी जी रहे हैं. महिलाओं को नहीं पता है कि रजिस्ट्रेशन के बाद जिला प्रशासन की तरफ से ही जनता दरबार में आने के लिए बुलावा आता है.
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"जिले के अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक कोई मदद नहीं की गई. इसलिए हम लोग मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गुहार लगाने पहुंचे हैं. आने जाने में को दौरान भाड़ा में बड़ी राशि खर्च हुई है.- "पूजा कुमारी, कटाव पीड़ित
ऐसे इन्हें मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जरूर मदद करेंगेय. कटिहार से पहुंची महिलाओं का कहना था कि 2003 में गंगा के कटाव में सब कुछ चला गया और उसके बाद रेलवे की जमीन पर गुजारा कर रहे हैं लेकिन वहां से भी हटने के लिए बार-बार नोटिस दिया जा रहा है.
कोरोना के कारण इस बार जनता दरबार में शामिल होने की प्रक्रिया बदल गई है. इसके कारण दूरदराज से आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है क्योंकि अभी भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जानकारी नहीं है कि केवल रजिस्ट्रेशन कराने से ही जनता दरबार में एंट्री नहीं मिलेगी बल्कि जिला प्रशासन के तरफ से ही ले जाने की व्यवस्था होगी. लोग बड़ी उम्मीद तक के साथ जनता दरबार पहुंचे थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी.