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पटना: खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा, आसपास के इलाकों में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

कई वर्षों बाद अलखनाथ घाट में माता कामाख्या के मंदिर के पास पानी पहुंचा है. आसपास का इलाका डूब चुका है. इसके कारण लोगों में बाढ़ का भय देखा जा रहा है.

बाढ़ का खतरा

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Published : Sep 19, 2019, 8:28 AM IST

पटना:राजधानी से सटे बाढ़ अनुमंडल में इन दिनों बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण फिर से बाढ़ के हालात पैदा हो रहें हैं. इलाके के सुप्रसिद्ध अलखनाथ घाट में गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी कामाख्या मंदिर तक पहुंच गया है. अचानक जलस्तर में हुई बढ़ोतरी से लोगों में डर बना हुआ है.

लोगों में डर का माहौल

हालत इतनी खराब है कि मंदिर परिसर की सीढ़ियां डूब गई हैं. आसपास के लोग कहते हैं कि कई वर्षों बाद अलखनाथ घाट में माता कामाख्या के मंदिर के पास पानी पहुंचा है. आसपास का इलाका डूब चुका है. अगर पानी बढ़ने का यही रफ्तार रहा तो कुछ दिनों में बाढ़ आना तय माना जा रहा है.

दियारा इलाकों में बढ़ी परेशानी

एम्स बिल्डिंग में घुसा पानी
बता दें कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण बाढ़ के रामनगर दियारा, पछियारी मलाही के कई घरों और गांवों में पानी घुस चुका है. गौरतलब है कि दो दिनों से बिहार के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई. जिसके बाद जगह-जगह जलजमाव हो गया. वहीं, पटना एम्स में भी बारिश का पानी घुस गया, इससे अस्पताल का बेसमेंट पूरी तरह से जलमग्न हो गया.

उफान पर गंगा

अनुमंडल मुख्यालय से टूटा संपर्क
कई जगह गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गई है. गंगा में पानी बढ़ने से दानापुर अनुमंडल का दियारा क्षेत्र जलमग्न हो गया है. इससे दियारा के कई गांवों का संपर्क अनुमंडल मुख्यालय से टूट गया है. दानापुर दियारा के पानापुर, पुरानी पानापुर, नौडीहरी, हेतनपुर के साथ-साथ मनेर प्रखंड के हल्दी छपरा, महावीर टोला, रतन टोला और छिहत्तर सहित दर्जनों गांव जलमग्न होने शुरू हो गए हैं.

आसपास का इलाका डूबा

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