पटना:जिले में हो रही लगातार बारिश ने राजधानी समेत कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. स्मार्ट सिटी बनने की राह देख रही राजधानी का नजारा स्वीमिंग सिटी से कम नहीं है. जिस चौक-चौराहे से आप गुजर जाएं, हर जगह बस पानी ही पानी नजर आ रहा है. पानी में आधे डूबे लोग, चलती बोट, ये सच्चाई बयां कर रही हैं.
पूरा का पूरा शहर तालाब बन गया है. बरसों बाद ऐसी बारिश हुई है कि पटना की सड़कों पर नाव चल रही है. एनडीआरएफ के जवान नाव से लोगों का रेस्क्यू कर रहे हैं. सितंबर खत्म होने को है लेकिन कई जगहों पर मॉनसून की मार कम होने का नाम नहीं ले रही है.
पटना में बाढ़ जैसे हालात
शुक्रवार रात भर हुई बारिश से पटना में 1975 की बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. शनिवार सुबह से शाम तक हुई बारिश ने इसे और विकट बना दिया. जिन सड़कों पर बाइक और कारें चलती थी उनपर नाव तैरती दिखीं. पाटलिपुत्र, राजेंद्रनगर, बोरिंग रोड समेत राजधानी के अधिकतर इलाकों में कहीं कमर भर तो कहीं घुटने भर पानी भर गया है. अलर्ट के बाद भी बारिश और जलजमाव से निपटने के प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित हुए. राजधानी के कई इलाकों में 5 से 6 फीट तक पानी भरा है.
सड़कों पर 5 फीट से ऊपर लगा पानी नाव की मदद से लोगों को बाहर निकाला गया
राजेंद्र नगर में हालत ऐसी हो गई कि यहां नाव की मदद से पानी में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया. राजेंद्र नगर के कई इलाकों में 5 फीट से अधिक पानी भर गया है. पानी में फंसे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद ली गई. नाव से लॉज और हॉस्टल में रह रहे छात्रों को बाहर निकाला गया.
मंत्री, विधायक के घरों मे भी घुसा पानी
इकोपार्क और पटना जू के आसपास के इलाके में पानी भरा है. इस क्षेत्र में मंत्री, विधायक और बिहार सरकार के बड़े ऑफिसर के आवास है. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के घर में भी पानी भर गया है. शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा का आवास इकोपार्क के सामने है. उनके आवास में भी पानी घुस गया है.
कई ऑफिस बंद
भारी बारिश के चलते बोरिंग रोड में घुटने भर पानी जमा हो गया है. वहीं, एसकेपुरी रोड में स्थिति और भी गंभीर है. यहां कमर तक पानी जमा हो गया है. बारिश का पानी घरों और दुकानों में घुस गया है. पानी घुसने के चलते कई ऑफिस बंद किए गए हैं.
अस्पतालों का हाल बेहाल...
राजधानी पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, गार्डिनर अस्पताल, राजेंद्र नगर अस्पताल, कुर्जी होली अस्पताल, महावीर आरोग्य संस्थान, एनएमसीएच के अलावा विभिन्न अस्पतालों में पानी आ जाने से मरीजों के बीच कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पीएमसीएच के चर्म रोग विभाग एवं इमरजेंसी वार्ड के नर्सेस वार्ड में पानी घुस आने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
तालाब में तब्दील हुई सड़क NMCH में घुसा पानी
पटना सिटी स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में घुटने से अधिक पानी भर गया है. यहां सड़क पर कमर तक पानी है, जिसके चलते न कोई एम्बुलेंस नहीं आ रही है और न जा पा रही है. अस्पताल के वार्ड में कहीं घुटने भर तो कहीं घुटने से अधिक पानी जमा हो गया है. अस्पताल के कर्मचारी मरीज को स्ट्रेचर पर लादकर पानी के बीच से ले जा रहे हैं. यहां कई मरीजों और परिजनों को ऑडिटोरियम में रखा गया है.
जनजीवन अस्त-व्यस्त
लगातार हो रही बारिश और जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई सरकारी स्कूलों के ग्राउंड में पानी आ जाने के कारण जिलाधिकारी ने स्कूल बंद करने का आदेश भी दिया है. कंकड़बाग, पाटलिपुत्र कॉलोनी, न्यू बाइपास समेत कई इलाकों में घरों के अंदर पानी घुस गया है. सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है.
पानी में डूबी रेल की पटरी विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने बिहार के 11 जिलों में भारी बारिश को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है. पटना के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में भी पानी भर आया है. जिसकी वजह से काम करने आने वाले लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. पटना जीपीओ कार्यालय, निबंधन कार्यालय, पटना पीएमसीएच समेत कई सरकारी संस्थानों में भी पानी भरने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
आवागमन में हो रही परेशानी बाढ़ से प्रभावित जिले
प्रदेश के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इसमें समस्तीपुर, भागलपुर, भोजपुर, सुपौल, समस्तीपुर, बेगूसराय, पटना, मधुबनी, खगड़िया, बांका, सारण, मुंगेर, भभुआ, नालंदा और जमुई शामिल हैं.
अलर्ट पर बिहार
बारिश से पटना समेत राज्य के कई जिलों में अलर्ट है. स्थिति और गंभीर होने की आशंका है. पटना समेत पूर्णिया, वैशाली, बांका, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, मधेपुरा, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, सहरसा, नवादा, नालंदा, जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, रोहतास, बेगूसराय और लखीसराय में अलर्ट जारी है.