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Flood In Bihar : बिहार में बाढ़ का कहर, कई जिलों में लोग परेशान

नेपाल में भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार की कई नदियां उफान पर (Flood in many districts of Bihar) है. गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण नीचले इलाके में पाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. अन्य जिलों में बाढ़ की क्या है स्थिति, पढ़िए इस खबर में..

बिहार में जल प्रलय
बिहार में जल प्रलय

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Published : Aug 3, 2022, 11:03 PM IST

पटना:बिहार (Flood In Bihar) की कई नदियां इन दिनों उफान पर है. नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कोसी, कमला बलान, बागमती, गंडक जैसी नदियां उफान पर है. पटना में गंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है, फिलहाल गंगा खतरे के निशान से नीचे है. बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के गंगा घाटों का निरीक्षण किया. पटना के गांधी घाट में गंगा का डेंजर लेवल 48.60 मीटर है और फिलहाल जल स्तर 47.64 मीटर पहुंच चुका है.

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गंडक नदी का कहर:बेतिया में गंडक (Flood In Gandak River) बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम चंपारण (Flood In West Champaran) जिले के कई इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है. जिले के नौतन प्रखंड के मंगलपुरकला, बिसम्भरपुर और भगवानपुर पंचायत के कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. पूरा गांव जलमग्न हो गया है. लगभग सात सौ की आबादी वाला गांव सरकार की राह देख रहा है. गांव से लोग पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

पश्चिम चंपारणमें बाढ़ की स्थिति: पश्चिम चंपारण में गंडक बराज से 3 लाख 21 हजार क्यूसेक पानी गंडकनदी (Flood In Gandak River In Bagaha) में छोड़ा गया है. इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि (Rise in water level of Gandak river) हो रही है. जिसके चलते नीचले इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. जिले के पिपरासी प्रखंड अंतर्गत सेमरा लबेदाहा पंचायत के कांटी टोला में नदी का पानी घुस गया है और वहां बाढ़ जैसी हालात उत्पन्न हो गई है.

गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति: बिहार के गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति(Flood Situation In Gopalganj) हो गई है. बाल्मीकि नगर बराज से लगातार छोड़े गए भारी पानी ने दियरावासियों की मुश्किलें बढ़ा दी है. लोग पानी के बीच (Flood In Gopalganj) चलने को विवश हैं. लेकिन प्रशासन अब तक किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करा रहा है. ऐसे में एक बार फिर दियरावासी बाढ़ की विभीषिका से सहमे हुए हैं. लगातार जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए दियरा के लोग बिरहा गीत गा कर अपना दुखड़ा सुनाते हुए नजर आ रहे हैं.

कमला-बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि: नेपाल में भारी बारिश के कारण कमला-बलान और बागमती नदी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी जा रही है. कमला-बलान का जलस्तर सोमवार सुबह जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया. जयनगर में जलस्तर 67.94 मीटर (डेंजर लेवल 67.75 मीटर), जबकि, झंझारपुर में 51.05 मीटर (डेंजर लेवल 50.00 मीटर) दर्ज किया गया. इसी तरह बागमती का जलस्तर सोमवार सुबह बेनीबाद में 48.69 मीटर (डेंजर लेवल 48.68 मीटर), जबकि, सोनाखान में 68.98 मीटर (डेंजर लेवल 68.80 मीटर) दर्ज किया गया.

कोसी नदी में उफान: नेपाल की तराई और कोसी नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई लगातार बारिश की वजह से कोसी नदी उफान (Water Level Rise In Koshi River) पर है. इस बीच नेपाल में सप्तकोशी नदी का बांध टूटने (Saptakoshi River Dam Broken In Nepal) की जानकारी मिल रही है. ऐसे में अररिया और सुपौल जिला बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं. जहां बाढ़ पहले से भंयकर रूप धारण कर चुका है. बुधवार को कोसी नदी का डिस्चार्ज इस वर्ष के सबसे अधिक स्तर पर पहुंच गया.

सुपौल में बाढ़ की स्थिति: वीरपुर स्थित कोसी बराज पर दोपहर 3 बजे नदी का कुल डिस्चार्ज 2 लाख 32 हजार 190 क्यूसेक दर्ज किया गया. जो इस वर्ष मानसून के मौसम में नदी का सर्वाधिक डिस्चार्ज है. कोसी नदी के उफनाने से तटबंध के भीतर बसे गांव में बाढ़ के जैसे हालत उत्पन्न हो गए हैं. जिससे बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बढ गई है. दर्जनों गांव में नदी के पानी घुसने से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. यहां भोजन, पानी, शौचालय और पशुचारे के लिए भी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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