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निधन के 60 साल बाद भी इस बैंक में सक्रिय है भारत के प्रथम राष्ट्रपति का अकाउंट, जानें कितनी जमा है रकम?

Rajendra Prasad Birth Anniversary: देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की आज 139वीं जयंती है. भले वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादें और उनका व्यक्तित्व आज भी सभी के लिए जीवंत और प्रेरणादायक बना हुआ हैं. ऐसे में आज उनसे जुड़ी एक खास बात ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है. दरअसल पटना के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में उनका खाता आज भी चल रहा है. उनके अकाउंट में 1300 रुपये जमा है जो उनकी ईमानदारी और सादगी का गवाह है.

पटना पीएनबी में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का बैंक अकाउंट एक्टिव
पटना पीएनबी में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का बैंक अकाउंट एक्टिव

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 3, 2023, 6:02 AM IST

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पटना:डॉ राजेंद्र प्रसादका जन्म 3 December 1884 को सिवान के जिरादेई गांव में हुआ था. बिहार की धरती के सपूत और देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के मौके पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिन को जहां मेघा दिवस के रूप में मनाने की मांग उठ रही है, वहीं उनकी ईमानदारी की चर्चा आज भी बिहार वासियों के जुबान पर है.

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का बैंक खाता

पटना पीएनबी में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का बैंक अकाउंट एक्टिव: डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कुछ ₹100 ही अपने परिवार वालों के लिए छोड़ा था. पूर्व राष्ट्रपति देश रत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की प्रतिभा का लोहा विश्व मानता है. डॉ राजेंद्र प्रसाद ने संविधान निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी. वहीं स्वतंत्रता आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बड़े ही सादगी के साथ अपना राजनीतिक जीवन बिताया. राजेंद्र प्रसाद ने अपने जीवन का अंतिम दिन सदाकत आश्रम में बिताया था.

पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक संजीव वत्स राज

रिजर्व बैंक के विशेष आदेश पर एक्टिव है खाता: पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक संजीव वत्स राज ने कहा कि"हमारे लिए या सम्मान का विषय है कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का अकाउंट पंजाब नेशनल बैंक में है. हम लोगों ने आज तक उनके खाते को निष्क्रिय नहीं किया है. रिजर्व बैंक के विशेष आदेश पर उनके खाते को जीवित रखा गया है. उनके खाते में आज भी मात्र 13 सौ रुपए हैं, इससे साबित होता है कि उन्होंने अपना जीवन कितनी सादगी और ईमानदारी से जिया."

राजेंद्र प्रसाद के नाती ने की ये मांग: डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाती मनीष सिन्हा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि"हम चाहते हैं कि डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम पर भी विशालकाय मूर्ति का निर्माण कराया जाए. डॉ राजेंद्र प्रसाद ईमानदारी के प्रतिमूर्ति थे. उनकी ईमानदारी ऐसी थी कि वह अपना तनख्वाह भी आधी लेते थे."

डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाती मनीष सिन्हा

अकाउंट में मात्र ₹1300:डॉ राजेंद्र प्रसाद सादगी और ईमानदारी के प्रतीक थे. जब उनका निधन हुआ था तब उनके अकाउंट में मात्र ₹1300 थे. राजधानी पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में आज भी उनका अकाउंट सक्रिय है. आरबीआई के विशेष निर्देश पर पूर्व राष्ट्रपति के खाते को बंद नहीं किया गया. पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी इसे अपना सम्मान मानते हैं.

24 अक्टूबर 1962 को खुलवाया था खाता: डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म करने के बाद पटना चले आए थे. एग्जीबिशन रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा में उन्होंने 24 अक्टूबर 1962 को खाता खुलवाया था. हालांकि कुछ ही महीना के बाद 28 फरवरी 1963 को उनका निधन भी हो गया. जब उनका निधन हुआ तब उनके खाते में महज 1300 रुपए थे.

1962 में उन्हें भारत रत्न के पुरस्कार : डॉ राजेंद्र प्रसाद को ₹10000 तनख्वाह मिलती थी लेकिन उन्होंने इस वेतन का आधा हिस्सा यानी की ₹5000 लेना ही स्वीकार किया. अपने कार्यकाल के अंत में डॉ राजेंद्र प्रसाद केवल ₹2500 ही लेते थे. यही नहीं वह अपना सारा काम खुद ही करते थे. 1962 में उन्हें भारत रत्न के पुरस्कार से नवाजा गया.

139 वीं जयंती आज: देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सिवान जिले के जीरादेई गांव में जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम महादेव सहाय और मां का नाम कमलेश्वरी देवी था. राजेंद्र प्रसाद ने हमारे संविधान के निर्माण में योगदान दिया था. राजेंद्र बाबू व देश रत्न के नाम से डॉ राजेंद्र प्रसाद मशहूर थे. 26 जनवरी 1950 को देश के पहले राष्ट्रपति चुने गए थे, 1957 में दोबारा राष्ट्रपति बने. 1962 तक राष्ट्रपति रहते हुए देश की सेवा की और 28 फरवरी 1963 को उनका निधन हो गया.

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