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Sawan 2022: सावन की पहली सोमवारी पर शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए पूजा विधि

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Published : Jul 18, 2022, 7:50 AM IST

भगवान शिव के पावन महीने सावन की आज पहली सोमवारी है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा (Worship Of Lord Shiva) की जाती है. आइए जानते हैं, कैसे करें सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा.

भगवान शिव
भगवान शिव

पटना:आज सावन की पहली सोमवारी (Sawan Somvar 2022) है. हालांकि सावन महीने की शुरूआत 14 जुलाई से ही हो गई थी. इस महीने के शुरू होते ही श्रद्धालु भगवान शिव की भक्ति में जुट जाते हैं लेकिन सोमवार के दिन बाबा भोलेनाथ की पूजा लोग काफी श्रद्धा और उत्साह के साथ करते हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना (First Somvari Of Sawan) सबसे पवित्र माना जाता है. यह साल का पांचवा महीना है. यह माह भगवान शिव को समर्पित है. इस महीने में भगवान शिव पर जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

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सावन महीने में सोमवार का बहुत महत्वः मान्यता है कि इस महीने में सच्चे मन से भक्त अगर भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करें तो भोलेनाथ उनके सभी कष्टों को हर लेते हैं. सावन महीना में सोमवार का बहुत महत्व है. इस दिन व्रत रखने का विधान है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. सावन महीने की सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है. अगर विवाह में परेशानियां आ रही हैं, उन्हें इस महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं. सावन में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

12 अगस्त को समाप्त होगा सावनःआषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से ही सावन मास की शुरुआत हो गई थी. साल 2022 के सावन में कुल 4 सोमवार हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस बार सावन 14 जुलाई से शुरू हुआ और 12 अगस्त को समाप्त होगा. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई , तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को होगा और सावन मास की शिवरात्रि 26 जुलाई को है.

कैसे करें इस महीने में पूजाःइस महीने में सुबह जल्दी उठें. स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर में पूजा करें और देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग पर गंगा जल और दूध चढ़ाएं और पुष्प अर्पित करें. इसके बाद शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाएं. इसके बाद भोलेनाथ की आरती करें और भोग लगाएं. ध्यान रखें कि इस महीने में भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.

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