पटना: शिक्षकों के सेवा शर्त बनाने के लिए पुनर्गठित कमेटी आज पहली बैठक कर रही है. हाल ही में कैबिनेट से इस कमेटी के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई थी. इस कमेटी में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रधान सचिव, पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव और नगर विकास विभाग के सचिव के साथ एक अपर महाधिवक्ता भी शामिल हैं.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि सेवा शर्त आने से शिक्षकों के प्रमोशन, प्रधानाचार्य बनने की योग्यता, ट्रांसफर, अवकाश, ईपीएफ और एसीपी समेत कई सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी. शिक्षक सेवा शर्त लागू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. कई बार इसको लेकर पहल भी हुई. लेकिन अब तक सब कुछ ठंडे बस्ते में पड़ा था.
शिक्षकों के सेवा शर्त के लिए पुनर्गठित कमेटी की आज पहली बैठक - meeting of Reorganized Committee for Teachers
बिहार कैबिनेट ने शिक्षकों के सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी के पुनर्गठन की मंजूरी दे दी है. इसको लेकर पुनर्गठित कमेटी आज पहली बैठक कर रही है.
बिहार कैबिनेट ने दी मंजूरी
अब कैबिनेट से सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी का पुनर्गठन कर दिया गया है. उसके बाद शिक्षा मंत्री ने भी ईटीवी भारत के साथ बातचीत में स्पष्ट कर दिया था कि बहुत जल्द सरकार शिक्षकों के सेवा शर्त की घोषणा करेगी. हालांकि बिहार शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने भी कहा कि सरकार जिस तरह से सेवा शर्त को 5 साल से लटकाए रखी है, उस पर जब तक की घोषणा नहीं होती, तब तक भरोसा करना मुश्किल है.
शिक्षकों की सेवा शर्त कब तक लागू होगी?
सरकार ने साल 2015 में ही एक हाई लेवल कमेटी बनाई थी, जो 3 महीने में शिक्षकों के सेवा शर्त पर रिपोर्ट देने वाली थी. लेकिन 5 साल बाद भी शिक्षकों के सेवा शर्त नहीं बन पाई और यहीं वजह है कि शिक्षक लगातार सरकार के रवैया पर सवाल खड़े करते रहे हैं. अब सब की नजर इस बात पर है कि पुनर्गठित कमेटी कब तक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपती है? नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त कब तक लागू होती है?