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भागलपुर: GI प्रमाणित जर्दालू आम का स्वाद विदेशी भी चखेंगे, ब्रिटेन भेजी गई पहली खेप

भागलपुर से जर्दालू आम की पहली खेप सोमवार को कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के माध्यम से ब्रिटेन भेजा गया. इस बारे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि बिहार के जर्दालु आम के GI Certification के बाद आज पहली व्यवसायिक खेप ब्रिटेन के लिये भेजी गयी. पढ़ें पूरी खबर...

Jardalu Mango of Bhagalpur
Jardalu Mango of Bhagalpur

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Published : Jun 15, 2021, 10:56 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 1:29 PM IST

पटना: बिहार के भागलपुर से जीआई प्रमाणित (GI TAG) जर्दालू आमों (Jardalu Mango)की पहली कमर्शियल खेप ब्रिटेन भेजी गई है. भागलपुर के जर्दालू आम को एक विशिष्ट सुगंध और स्वाद के लिए, 2018 में विशिष्ट भौगोलिक पहचान (GI) टैग मिला था. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी.

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पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लिखा, "भागलपुर का जर्दालू आम, ब्रिटेन तक पहुंचायेगा देश का किसान. बिहार के जर्दालू आम के GI Certification के बाद आज पहली व्यवसायिक खेप ब्रिटेन के लिये भेजी गयी. कृषि उत्पादों के निर्यात मे यह बड़ा कदम है, और इसका लाभ किसानों तक पहुंचेगा."

सोमवार को कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने हरी झंडी दिखाकर जर्दालू आमकी पहली खेप को रवाना किया. इस अवसर पर एपीडा (Apida) के अध्यक्ष, कृषि विभाग सचिव उपस्थित थे. मंत्री ने अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने जर्दालू आम के व्यावसायिक निर्यात में सहयोग करने के लिए भारतीय उच्चायोग को आभार प्रकट किया.

फलों के निर्यात में एपिडा का अहम रोल
दरअसल, एपिडा आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए वर्चुअल खरीदार-विक्रेता बैठक और महोत्सव का आयोजन करता रहा है. एपिडा ने हाल में भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर बर्लिन, जर्मनी के साथ ही जापान में आम महोत्सव का आयोजन किया था.

पहली खेप में 850 किलो आम
बता दें, भागलपुर के आम किसान कृष्णानंद के बाग का आम भेजा गया है. अभी पहली खेप 850 किलो आम भेजा गया है. किसान का कहना है कि अगले साल से और मात्रा बढ़ायी जाएगी. वहीं, भागलपुर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित विशिष्ट लोगों के लिए भी पिछले दिनों 2000 पैकेट आम भेजा गया था.

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"वर्षों से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए विशिष्ट अतिथियों को भागलपुर का जर्दालू आम भेजा गया है. अच्छी गुणवत्ता के आम को चयनित करके 2000 पैकेट की पैकिंग की गई है. कोरोना गाइलडाइन का भी ख्याल रखा गया है."-दिलीप कुमार सिंह, प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी, भागलपुर

क्‍या है GI टैग ?
बता दें कि, जीआई उन उत्पादों के लिए दिया जाता है जो एक भौगोलिक (जीआई) एक संकेत है जो उन उत्पादों पर उपयोग किया जाता है जो एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है और इसमें उस क्षेत्र की विशेषताओं के गुण और प्रतिष्ठा भी पाई जाती हैं. उस नाम पर किसी और क्षेत्र के वैसे उत्पाद का व्यापार नहीं किया जा सकता. भारत में भौगोलिक संकेतों के उदाहरण तौर है जैसे- दार्जिलिंग चाय, महाबलेश्वरी स्ट्रॉबेरी, जयपुर की ब्लू पॉटरी, बनारसी साड़ी और तिरुपति के लड्डू कुछ ऐसे ही जीआई टैग वाले उत्पाद हैं.

जीआई टैग का उद्देश्य
भौगोलिक संकेत टैग का मूल उद्देश्य यह होता है कि दूसरे लोगों द्वारा पंजीकृत भौगोलिक संकेत के अनधिकृत उपयोग को रोकना है. GI टैग के माध्यम से उत्पादन प्रक्रिया में नयापन लाने वाले लोगों को इस बात की सुरक्षा प्रदान की जाती है कि उनके उत्पाद की नकल कोई और व्यक्ति या संस्था नहीं करेगी.

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GI टैग कौन जारी करता है
भौगोलिक संकेत (GI टैग), वस्तु (पंजीकरण और संरक्षण) एक्ट, 1999 के अनुसार जारी किए जाते हैं. यह टैग, 'भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री' द्वारा जारी किया जाता है. यह उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है.

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Last Updated : Jun 15, 2021, 1:29 PM IST

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