पटना : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल के बिहार बंद का मिलाजुला असर देखा गया. इस दौरान बंद समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया. इस बीच, बंद के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र में हंगामा करने के आरोप में पटना जिला प्रशासन ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी समेत 25 राजद नेताओं पर नामजद एफआईआर दर्ज करवाया है. पटना के कोतवाली थाना में इन सभी नेताओं को आरोपी बनाते हुए केस दर्ज किया गया है.
राजधानी पटना की सड़कों पर शनिवार को राजद कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन में पार्टी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए. डाकबंगला चैराहे पर तेजस्वी के साथ पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता थे और वे सीएए के खिलाफ नारे लगा रहे थे. तेजस्वी ने इस दौरान कहा कि सीएए जैसे कानून के विरोध में आज पूरा देश जल रहा है. उन्होंने सीएए के बहाने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा.
बंद की आड़ में मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया
डाकबंगला चैराहे पर जहां मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया गया, वहीं, पत्रकारों पर हुए हमले मामले पर वीडियो फुटेज के आधार पर 2 लोगों को चिन्हित किया गया है. उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. बंद की आड़ में उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की. पटना के फुलवारीशरीफ में भी बंद समर्थकों के जुलूस पर हुए पथराव के बाद स्थिति बिगड़ गई. दोनों ओर से एक घंटे तक जमकर पथराव हुआ, जिसमें दर्जनों लोगों को चोटें आईं. इस पथराव में पुलिसकर्मी सहित कई लोगों के घायल होने की खबर है. पटना जिलाधिकारी कुमार रवि और वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक पहुंचे. पुलिस ने बल प्रयोग कर हंगामा कर रहे लोगों को हटाया. इधर, नवादा में भी बंद समर्थकों द्वारा जमकर हंगामा मचाया गया.
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी सड़क पर उतरे
पटना की सड़कों पर रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी उतरे. उन्होंने सीएए का समर्थन और एनआरसी का विरोध करने पर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनपर अब लोगों का विश्वास समाप्त हो गया है. राजद इस बंद को जहां पूरी तरह सफल बता रहा है, वहीं विरोधी इसे 'फ्लॉप' बता रहे हैं.