पटना:बिहार के एक और आईपीएस अधिकारी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार के बाद गया के तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा (IPS Amit Lodha) पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसयूवी) ने एफआइआर दर्ज करायी है. उन पर सरकारी सेवा में रहते हुए व्यावसायिक गतिविधियां चलाने का आरोप लगा है. सूत्रों की मानें तो उनको निलंबित भी किया जा सकता है.
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क्या है मामलाः इन दिनों OTT प्लेटफार्म पर 'Khakee: The Bihar Chapter' दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है. इसके लेखक बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा (Amit Lodha) हैं. उनकी किताब 'बिहार डायरीज' (Amit Lodhas book Bihar Diaries) पर वेब सीरीज बनायी गयी है. अपने पद पर तैनाती के दौरान उनके कैरेक्टर पर बनी इस सीरीज को लेकर विवाद खड़ा हुआ है. लोढ़ा के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवक होने के बावजूद ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के साथ व्यावसायिक समझौते किये. इससे उनको कुल 49.62 लाख रुपये से अधिक की कमाई हुई.
एक रुपए में हुआ था करार: आपको बता दें कि आईपीएस अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने मगध रेंज के आईजी रहते हुए फ्राइडे स्टोरी टेलर्स लिमिटेड और अन्य के साथ सांठगांठ कर अकूत चल और अचल संपत्ति अर्जित की, जो कि उनकी आय के वैध स्रोत से कहीं अधिक है. 2 नवंबर 2018 को अमित लोढ़ा और फ्राइडे स्टोरी टेलर्स के बीच महज एक रुपए में करार हुआ था. लेकिन, लोढ़ा के बैंक खाते में फ्राइडे स्टोरी टेलर्स की ओर से 12372 रुपए प्राप्त हुए. उन पर लोक सेवक रहते हुए कारोबार करने और अपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है.
निगरानी विभाग की एफआईआर में क्या है: विशेष निगरानी इकाई के द्वारा प्राथमिकी में कई तरह के आरोप आईपीएस अधिकारी पर लगाए गए. एफआईआर में अमित लोढ़ा को स्थापित कहानीकार नहीं बताया गया और ना ही उन्हें किताब लिखने के लिए अधिकृत किया गया था. किताब लिखने की उन्हें इजाजत नहीं दी गई थी. फिर भी उसे नजर अंदाज कर अमित लोढ़ा ने 'बिहार डायरीज' लिखी. इसका उपयोग वेब सीरीज के लिए हुआ. उन्होंने यह काम आर्थिक लाभ के लिए किया जो अवैध है.
ऐसे हुआ रॉयल्टी के नाम पर खेल: आईपीएस अमित लोढ़ा ने लोक सेवक होने के बावजूद निजी कारोबारी हितों के लिए एक प्रोडक्शन हाउस के साथ करार किया. जिसमें 49 लाख 62 हजार 372 रुपय अर्जित किए, जो उचित नहीं है. आरोप है कि आईपीएस अमित लोढ़ा ने अपनी पत्नी को भी प्रोडक्शन हाउस में शामिल किया. प्रोडक्शन हाउस में 7 मार्च 2019 से 13 सितंबर 2019 के बीच कौमुदी लोढ़ा के खाते में 38.25 लाख रुपए ट्रांसफर किये गये. उनके इस आचरण को भ्रष्टाचार और निजी स्वार्थ व लाभ के लिए की गयी वित्तीय अनियमितता माना गया है. विशेष निगरानी इकाई के पुलिस अधीक्षक ने विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है.