पटना:एक तरफ देश भर में किसान बिल पर हंगामा मचा हुआ है. दूसरी तरफ मसौढ़ी में इन दिनों खाद वितरक परेशान है. खाद लेने के लिए किसानों और खाद वितरक के बीच अंकित मूल्य को लेकर हल्ला मचा है. जिसे लेकर मसौढ़ी में निगरानी समिति बनाकर गहन समीक्षात्मक बैठक की गई.
क्या कहते है खाद वितरक
खाद वितरकों की माने तो खाद की डीलीवरी फतुहां रैक प्वाइंट से होती है. खाद जब मालगाड़ी से फतुहा रैक प्वाइंट पर आती है तो वहां से वितरक के दुकान तक लाने में डीलीवरी चार्ज डीलर्स को खुद देना पड़ता है. ऐसे जब खाद दुकान से किसानों को बेचा जाता है तो अंकित मुल्य से दो रुपये ज्यादा लिया जाता है. जैसे कि अंकित मुल्य से पैसा ज्यादा मांगा जाता है किसानों के हो हंगामा शुरु कर देते है.