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पटना: DEO ऑफिस के बाहर महिला शिक्षिकाओं का प्रदर्शन

शिक्षिका प्रीति सहाय ने बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय खुसरूपुर में कार्यरत हैं. वहीं, कोरोना संक्रमण काल में सरकार द्वारा उन्हें निर्देश मिला कि वो अपने घर के नजदीकी विद्यालय में अपना योगदान दे सकती हैं. इसके बाद सभी शिक्षिकाएं अपने नजदीकी विद्यालय में ड्यूटी कर रही हैं.

पटना
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Published : Jun 27, 2020, 9:31 PM IST

पटना:राजधानी के राजेंद्र नगर स्थित डीईओ ऑफिस के सामने महिला शिक्षकों ने अपने स्कूल में जॉइनिंग को लेकर डीईओ के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. बता दें कि डीईओ कार्यालय से शुक्रवार के दिन महिला और विकलांग शिक्षकों को एक पत्र जारी करके स्कूल जॉइनिंग करने का आदेश दिया गया. वहीं, इसी आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर काफी संख्या में महिला शिक्षिका डीईओ से मिलने पहुंची. जहां उनकी मुलाकात डीईओ से नहीं होने पर नाराज महिला शिक्षिकाओं ने जमकर प्रदर्शन किया.

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र

शिक्षिका प्रीति सहाय ने बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय खुसरूपुर में कार्यरत हैं. वहीं, कोरोना संक्रमण काल में सरकार द्वारा उन्हें निर्देश मिला कि वो अपने घर के नजदीकी विद्यालय में अपना योगदान दें सकती हैं. इसके बाद सभी शिक्षिकाएं अपने नजदीकी विद्यालय में ड्यूटी कर रही हैं. उन्होंने बताया कि अब डीईओ कार्यालय से आदेश निर्गत हुआ है कि सभी शिक्षिकाएं और विकलांग शिक्षक अपने मूल विद्यालय में योगदान करें.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कोरोना काल में आने-जाने में दिक्कत'
प्रीति सहाय ने आगे बताया कि हम लोगों को अपने मूल विद्यालय में योगदान करना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन अभी समस्या यह है कि परिवहन की कोई सुविधा नहीं है. लोकल ट्रेन चल नहीं रही है. वहीं, सार्वजनिक वाहन में भीड़ की बहुत गंभीर समस्या है. उन्होंने कहा कि हम लोगों का वेतन भी इतना नहीं है कि रोजाना निजी वाहन से विद्यालय जा सके.

प्रदर्शन के दौरान महिला शिक्षिकाएं

रोजाना स्कूल आना संभव नहीं
शिक्षिका निवेदिता कुमारी ने बताया कि हम सुबह से डीईओ कार्यालय पहुंचे हैं. लेकिन हमारी मुलाकात डीईओ से नहीं हो पाई है. अभी सार्वजनिक वाहन भी सभी एरिया में बेहतर तरीके से नहीं चल रहे हैं. ऐसे में घर से 60-70 किलोमीटर दूर रोजाना स्कूल आना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जब विद्यालय में पढ़ाई-लिखाई नहीं हो रही है और वहां क्वारंटीन के संचालन में ही सेवा देनी है, तो यह काम हम अपने नजदीकी विद्यालय में भी कर ही रहे हैं.

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