महिला अभ्यर्थियों का फूटा गुस्सा पटना: बिहार में शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति को हटाए जाने के विरोध में शनिवार को हजारों की तादाद में अभ्यर्थियों ने पटना की सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया. इसमें काफी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी शामिल हुईं. प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए पुलिस को तीन से चार बार लाठीचार्ज करना पड़ा. डाक बंगला चौराहे पर हुए लाठीचार्ज के बाद महिला शिक्षक अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा और सभी ने नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री को जमकर कोसा.
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'अयोग्य हैं शिक्षा मंत्री ': एक महिला शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री मूर्ख हैं और शिक्षक अभ्यर्थियों के बारे में अनाप-शनाप बोलते हैं. शिक्षा मंत्री कहते हैं कि प्रदेश में योग्य शिक्षक अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं, जबकि वह एक ट्वीट करते हैं तो उसमें 6 से 7 अशुद्धियां रहती हैं. शिक्षा मंत्री खुद पढ़े-लिखे नहीं है और शिक्षकों और उनके जैसे पढ़े-लिखे अभ्यर्थियों का मूल्यांकन कर रहे हैं, जो हास्यास्पद है.
"शिक्षा मंत्री खुद कितने योग्य हैं. अपने ट्वीट में खुद 6-6 गलती लिखते हैं. पहले अपने अंदर झांके, फिर दूसरों को अयोग्य बताएं" - महिला अभ्यर्थी
'PM बनने के चक्कर में खत्म किया डोमिसाइल': प्रदर्शनकारी एक महिला अभ्यर्थी ने कहा कि बिहार सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ की बात करती है, लेकिन जब नौकरी देने की बारी आती है तो दूसरे प्रदेश के लोगों को मौका दिया जाता है. डोमिसाइल नीति वापस लागू करने की मांग को लेकर वह लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. फिर भी लाठीचार्ज करवा दिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम बनने की लालसा में उन लोगों का अधिकार छीन रहे हैं और डोमिसाइल नीति खत्म कर प्रदेश के बाहर से शिक्षकों की भर्ती कराना चाहते हैं.
'महिलाओं के ऊपर लाठीचार्ज का खामियाजा भुगतेगी सरकार': महिला अभ्यर्थियों ने कहा कि"उनके ऊपर पुरुष पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज किया है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. यह कैसा बिहार में महिला सशक्तिकरण है कि अपनी वाजिब मांगों को लेकर घर छोड़कर जब महिला अभ्यर्थी सड़क पर उतरी है तो उनके ऊपर सरकार लाठीचार्ज करा रही है". महिला अभ्यर्थियों ने कहा कि उनके ऊपर हुए लाठीचार्ज का परिणाम सरकार को भुगतना होगा और मुख्यमंत्री का पीएम बनने का मंसूबा भी फेल होगा और बिहार की सत्ता से भी प्रदेश के युवा बेदखल करेंगे.