पटना: देश के विकास के लिए महिलाओं ने हर क्षेत्र में उम्मीदों से बढ़कर अपना योगदान दिया है. वहीं अब कोरोना महामारी में भी महिलाएं खाकी वर्दी की ढाल को लेकर शहर की सुनसान सड़कों पर दिन-रात पुरुष जवान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रही हैं. महिला पुलिस पूरे दिन सड़कों पर तैनात रहती हैं. वे अपनी ड्यूटी के साथ-साथ बेवजह बाहर निकलने वाले लोगों को रोककर उन्हें घरों में रहने की सलाह भी दे रही है.
महिला पुलिस की ये जवान लॉकडाउन की अनदेखी करने वालों पर कभी नरमी से तो कभी पूरी सख्ती दिखा रही हैं. इन पुलिस कर्मियों को जितनी चिंता समाज की है, उतनी ही अपनों की भी है. नित नए आयाम को छूती महिला पुलिस की ये जवान राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश के विभिन्न चेकपोस्ट पर तैनात हैं. महिला पुलिस कर्मियों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उन्हें अपने परिवार से दूर होने को पीड़ा तो है. लेकिन देश सेवा के आगे यह कुछ भी नहीं है.
पुरुष जवान के साथ ड्यूटी कर रही महिला पुलिस 'जनता भी हमारे परिवार की तरह'
इस मामले पर महिला दारोगा मीरा कुमारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार ने लॉकडाउन की मियाद को 17 मई तक बढ़ा दिया है. वे लॉकडाउन 1.0 से ही लगातार अपनी सेवा दे रही हैं. हमें इस महामारी में किसी तरह का कोई भी तकलीफ नहीं है. ड्यूटी के साथ-साथ हमें अपने परिवार को भी देखना पड़ रहा है. हमें अपने परिवार से दूर रहने की पीड़ा तो है. लेकिन देश सेवा के आगे यह कुछ भी नहीं है. जनता की सेवा करने से उन्हें खुशी मिलती है. वे अपनी ड्यूटी को सावधानी के साथ पूरी ईमानदारी के साथ निभा रही हैं.
बोरिंग रोड चौराहे पर तैनात महिला पुलिस कर्मी 'पुलिस कर्मियों का करें सहयोग'
पटना के बोरिंग रोड चौराहे पर तैनात महिला पुलिसकर्मी सविता कुमारी ने बताया कि आम जनता के साथ-साथ अपने परिवार की देखभाल करना भी उनका कर्तव्य है. जिसे हम बखूबी से निभा रहे हैं. सरकार के आदेशानुसार बेवजह सड़कों पर निकलने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है. सरकारी नियमों का उल्लंधन करने वालों से सख्ती से निपट रही हूं. उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि महामारी के समय में पुलिस 24 घंटे अपनी ड्यूटी दे रही है. इस वजह से जनता कर्मियों का सहयोग करें.
'फर्ज आगे बाकि सब पीछे'
वहीं, एक अन्य महिला सिपाही आरती कुमारी ने बताया कि ड्यूटी से छूटने के बाद सुनसान सड़कों का नजारा कुछ और होता है. डर रहेगा और ड्यूटी कैसे पूरी हो पाएगी. हमे अपने परिवार वाले से मिले 6 महीना हो गया है. लॉक डाउन के पहले घर जाने वाली थी. कोरोना महामारी में छुटी कैंसिल हो गया. अगर आम जनता सुरक्षित रहेंगे. तो हमारे परिवार भी सुरक्षित रहेंगे. परिवार वालों से फोन पर रोज ही बात होती है. पहले कोरोना को हराना है. फिर किसी और बारे में विचार करना है. कोरोना महामारी डर के बारे में सविता ने बताया कि 'फर्ज आगे बाकि सब पीछे'.
वहान जांच कर रही महिला पुलिस के जवान