पटना:बिहार में चल रहा पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) जिस तरीके से लापरवाही बरत रहा है. उससे एक बात तो तय है कि बिहार में कोरोना एक बार फिर दस्तक देगा. क्योंकि हर चीज की अनदेखी की जा रही है. सत्ता से लेकर प्रशासन तक आंखें मूंदे बैठा हुआ है. कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines) जारी की गई है. नियम बनाए गए हैं. काम करने के लिए अधिकारी तैनात किए गए हैं. नियम का पालन हो इसके लिए भी अधिकारी तय किए गए हैं, लेकिन हद है कि जिन अधिकारियों के जिम्मे नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है वही लोग इसका मखौल उड़ा रहे हैं.
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बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव में जो लोग चुनावी ड्यूटी में हैं वे ना तो मास्क लगा रहे हैं और ना ही कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. पुलिस अधिकारी भी कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. आईपीएस अधिकारी तक कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव में कोविड-19 के नियम की भारी अनदेखी हो रही है. बिहार निर्वाचन आयोग ने साफ निर्देश दिया था कि बिहार के पंचायत चुनाव कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार कराए जाएंगे.
मतदान केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग रहेगी. सभी लोगों को मतदान करने के लिए मास्क लगाकर आना है. थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था मतदान केंद्रों पर होगी और सभी लोगों को सुरक्षित मतदान करना है. लेकिन तीन चरणों के समाप्त हुए मतगणना और मतदान के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें बिहार में चाहे प्रशासनिक अधिकारी हो मतदान अभिकर्ता या फिर मतदान करने वाले लोग. सभी ने कोरोना की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाकर रख दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिन लोगों को कोविड-19 की गाइडलाइन का अनुपालन कराना है, उन्हें इस बात से कोई लेना-देना ही नहीं रह गया है कि इसका पालन हो रहा है या नहीं.
भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की चेतावनी जारी कर दी है कि कोरोनावायरस के लिए अगले 2 महीने काफी अहम हैं. बात त्योहारों की हो या फिर बदलते मौसम की. सतर्कता सबको बरतनी है. क्योंकि कोरोना अभी सिर्फ थोड़ा कम हुआ है. यह खत्म नहीं हुआ है. कोरोना ने बिहार में कहर बरपाया है. इसे बिहार को भूलना नहीं चाहिए. तस्वीरें आज भी गवाह हैं कि ऑक्सीजन के लिए किस तरीके से अस्पताल के बाहर अपने बेटे की जान बचाने के लिए बाप चिल्लाता रहा, लेकिन जान नहीं बची. जवान बेटे की लाश मां के कदमों में पड़ी रही, देखने कोई नहीं आया.