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खेती के लिए भगवान भरोसे किसान, आहर-पईन के जरिए कर रहे पटवन का जुगाड़

पटना में पटवन (Irrigation) के लिए किसान परेशान हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए किसान आज भी भगवान भरोसे हैं. ऐसे में किसान सिंचाई के लिए अपने खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आहर-पईन के जल को जमा करने के जुगाड़ में जुटे हैं.

सिंचाई के लिए पानी की किल्लत
सिंचाई के लिए पानी की किल्लत

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Published : Jul 27, 2021, 8:00 AM IST

पटना:खेतों (Fields) तक पानी पहुंचाने के लिए किसान इन दिनों परेशान हैं. धान रोपाई (Paddy Planting) के बाद पर्याप्त मात्रा में पानी (Water) नहीं मिलने से खेत सुखने लगे हैं और अब खेती पर ग्रहण लगने लगा है. ऐसे में किसान आहर-पईन (Aahar-Pyeen) में बचे पानी को जमा करने में जुटे हैं जिससे पटवन हो सके.

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किसानों की मानें तो पटवन के लिए सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है लेकिन सुविधा आज तक नहीं मिली है. ना ही नहर की सुविधा मिली और ना ही किसानों के लिए और कोई साधन पटवन के लिए मुहैया कराये गये. जबकि जल जीवन हरियाली के तहत अभी तक आहर-पईन की खुदाई भी नहीं हो पाई है. जिससे जल संचय हो सके. धनरूआ के साई में तकरीबन सैकडों एकड़ खेत इन दिनों सुखने लगे हैं. ऐसे में खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए किसान जुगाड़ में जुटे हैं.

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दरअसल, खेतों तक पानी पहुंचाने को लेकर किसान इन दिनों परेशान हैं. एक तरफ महंगे डीजल तो दूसरी तरफ बिजली की किल्लत है. ऐसे में पटवन भगवान भरोसे है. अब एकमात्र सहारा आहर-पईन में भरे बरसाती पानी हैं. इसे जमाकर किसान खेती के जुगाड़ में लगे हैं. आपको ये भी बताते चलें कि मसौढ़ी अनुमंडल में इस बार धान की खेती का लक्ष्य 28 हजार हेक्टेयर हैं. वहीं धनरूआ में 32 हजार एकड़ और पुनपुन में 19 हजार हेक्टेयर का है.

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