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मुआवजे की आस में 17 किसानों ने तोड़ा दम, 4 साल बाद बोली सरकार-करेंगे जांच

गोपालगंज जिले में गाइड बांध के निर्माण के लिए किसानों की कई एकड़ जमीन सरकार ने अधिग्रहण कर ली. लेकिन बांध बनने के 4 साल बाद भी किसान मुआवजे के लिए तरस रहे हैं. आर्थिक तंगी के कारण इनमें से कई किसानों की मौत हो चुकी है. विधान परिषद में इस मामले को लेकर सभापति ने सदन की समिति बनाकर जांच कराने की बात कही है.

पटना
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Published : Mar 3, 2021, 4:56 PM IST

मुआवजे की आस में 17 किसानों ने तोड़ा दम, 4 साल बाद बोली सरकार-करेंगे जांच

पटना:विधानसभा में गोपालगंज जिले का गाइड बांध निर्माण के लिए किसानों की भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजे का मुद्दा उठा. गोपालगंज जिले के अहिरौली से विष्णुपुर के बीच गाइड बांध के निर्माण के लिए सरकार ने कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण किया था. 298 किसानों से सरकार ने जमीन ले ली. बांध का निर्माण भी हो गया, लेकिन 4 साल बाद भी किसानों को अपनी जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. विधान परिषद में आदित्य नारायण पांडे ने ध्यानाकर्षण में ये सवाल उठाया था.

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'राज्य सरकार की ओर से 72 करोड़ किसानों को मुआवजा देने के लिए आवंटित भी किया गया. लेकिन किसी न किसी बहाने किसानों का मुआवजा रोक कर रखा गया है, प्रशासन की उदासीनता और संवेदनहीनता के कारण आर्थिक तंगी की वजह से 17 किसान दम तोड़ चुके हैं'- आदित्य नारायण पांडे, भाजपा नेता

रामसूरत राय राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री

अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
इस मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. कई सदस्यों ने पूरक सवाल के जरिए जवाब देने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की.

'मामला संज्ञान में आने के बाद हमने इसकी पूरी जानकारी ले ली है और इसी वित्तीय वर्ष में अगले कुछ दिनों में इस मामले का निपटारा हो जाएगा'- रामसूरत राय राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री

देखिए रिपोर्ट

सदन की समिति करेगी जांच
कई सदस्यों के इस मामले में सवाल को देखते हुए, सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मंत्री रामसूरत राय से कहा कि वे तमाम सदस्यों के साथ एक बैठक करें. इस मामले में सदन की समिति बनाकर जांच कराई जाएगी और दोषी लोगों पर कार्रवाई भी होगी.

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