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ग्रांउड रिपोर्ट: नहीं मान रहे हैं किसान, खेतों में धड़ल्ले से जला रहे हैं पराली

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Published : May 17, 2021, 7:30 AM IST

सरकार द्वारा लगातार मना करने के बावजूद कई जगहों पर किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाई जा रही है. इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, बल्कि इसके चलते लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

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खेतों मे धड़ल्ले से जला रहे है पराली

पटनाः गेहूं की फसल कट चुकी है. किसान फसल को खलिहान में रख चुके हैं लेकिन खेतों में बची हुई परालीको किसान प्राकृतिक तरीके से नष्ट करने के बजाय उसे जला रहे हैं. ऐसे में पर्यावरण प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है. सरकार द्वारा पराली जलाने पर रोक लगाई गई है लेकिन किसान बाज नही आ रहे हैं.

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खेतों में जल रही है पराली
पराली जलाने की यह लाइव तस्वीरें पुनपुन प्रखंड के बाजितपुर गांव की है. जहां पर किसानों की लापरवाही के कारण पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. साथ ही इससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में किसानों को जागरूक करने की जरूरत है. पुनपुन के कृषि पदाधिकारी की मानें तो कृषि समन्वयक द्वारा लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद कई किसान एसे हैं जो नहीं मान रहे हैं. उन पर कार्रवाई भी की जा रही है.

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संज्ञेय अपराध की श्रेणी में है पराली जलाना
बता दें कि बिहार में सरकार की ओर से पराली जलाने पर रोक लगाई गई है. बिहार सरकारकी ओर से इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है. अगर कोई किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जात है तो उस पर आईपीसी की धारा 435 के तहत कार्रवाई की जाती है.

वहीं, इस मामले में दोषी पाए जाने पर किसान को 7 साल की कैद के साथ ही जुर्माना भी लग सकता है. सरकार ने कहा है कि जो किसान पराली जलाएगा उसे 3 साल तक सरकार की सभी योजनाओं से वंचित रखा जाएगा.

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