पटनाःबिहार में पंचायत चुनाव पिछले साल 2021 में संपन्न हो गया. इस बार 90% नए चेहरे पंचायत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पंचायत चुनाव और शपथ ग्रहण होते ही राज्य में कई मुखिया, पंच और सरपंच की हत्या हुई. हत्या के बाद यह मामला काफी तूल पकड़ा और पंचायत प्रतिनिधि सरकार से सुरक्षा की मांग करने लगे. अब पंचायत परिषद (Facilities Demand For Mukhiya Like MLA In Bihar) ने सरकार से डिमांड की है कि हर पंचायत प्रतिनिधियों को भी विधायकों की तरह पेंशन भत्ता और अन्य सुख सुविधाएं दी जाए.
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दरअसल, राज्य में कई मुखियाओं की हत्या के बाद पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने आश्वस्त करते हुए सभी प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया था कि राज्य के तमाम पंचायत प्रतिनिधियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. लेकिन बात यहां खत्म नहीं हुई. अब पंचायत प्रतिनिधि संघ ने एक बार फिर से बिहार की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक हाल ही में संपन्न हुई.
बैठक में राज्य के 35 जिलों के जिलाध्यक्ष, संयोजक, संगठन प्रभारी, चुनाव प्रभारी सहित दर्जनों पंच, सरपंच और उपसरपंच ने सर्वसमत्ति से कहा कि विधायक की तर्ज पर पंचायत प्रतिनिधियों को सरकार सुरक्षा मुहैया कराए. साथ ही साथ विधायकों को जो पेंशन भत्ता मिलता है, इसी तरह पंचायत प्रतिनिधियों को भी दिया जाए. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने पंचायत परिषद के अध्यक्ष विंदेश्वरी प्रसाद सिंह से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक विधायक को हर वह सुख सुविधा मुहैया कराई जाती है. लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों को सरकार न तो सुरक्षा दे रही है और ना ही पेंशन.