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Corona Effect: पटना में आंखों के मरीजों की अचानक बढ़ रही है संख्या, डॉक्टर ने बताई ये वजह

कोरोना के कारण राजधानी पटना समेत प्रदेश में आंखों की मरीजों (Eye Problem) की संख्या बढ़ गई है. जानिए नेत्र रोग विशेषज्ञ (Eye Specialists) इससे बचने को लेकर क्या सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.

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Published : Jul 3, 2021, 11:39 AM IST

पटना में आंखों के मरीजों की बढ़ गई संख्या
पटना में आंखों के मरीजों की बढ़ गई संख्या

पटना :कोरोना के दूसरी लहर (Covid-19) के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है. कई नई बीमारियां भी सामने आने लगी हैं. इसके अलावा शरीर के कई अंग इसकी वजह से काफी कमजोर हुए हैं. कोरोना की दूसरी लहर गुजरते ही पटना समेत प्रदेश में अब आंखों में बीमारियों (Eye Problems) की शिकायतें काफी बढ़ गई हैं. राजधानी पटना की बात करें तो यहां के अस्पतालों और खासकर निजी आई क्लिनिक में मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. नेत्र रोग विशेषज्ञ (Eye Specialist) के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस वाले स्क्रीन पर ज्यादा देर समय बिताने की वजह से समस्या बढ़ी है.

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धुंधलापन व जलन हावी
पटना के वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना का हमारे जीवन पर बहुत ही गहरा असर पड़ा है. कोरोना के बाद अब लोगों में कोरोना से उबरने के बाद आंखों की समस्याएं ज्यादा बढ़ गई हैं. इसके कई वजह भी हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश मरीजों की शिकायत ये है कि आंख में काफी दर्द व जलन हो रहा है. साथ ही आंख में थकावट महसूस हो रही है. देखने में काफी दिक्कत हो रही है. इसी प्रकार की कई समस्याएं लोगों की हो रही हैं.

स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताने से हुई समस्या
डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कोविड होने के बाद उससे लड़ने के लिए हमारे शरीर में कई इम्यून मैकेनिज्म विकसित होते हैं. जिस वजह से आंखों के पास मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है. कोरोना के कारण लोग अगर तनाव में रहने लगते हैं. इससे मानसिक परेशानी का असर आंखों पर होता है. इसके अलावा जब लॉकडाउन लागू हुआ तब लोग घरों के अंदर ही रहने लगे. इस दौरान लोगों ने स्मार्ट फोन, लैपटॉप, टीवी के स्क्रीन समय बिताया.

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'जब हम स्क्रीन पर नजर जमाए रहते हैं. तब हमारे आंखों के पलक झपकने की दर कम हो जाती है. 'सामान्यत: 1 मिनट में 17 से 18 बार पलक झपकते हैं. अगर हम मोबाइल स्क्रीन पर समय दे रहे हैं तो पलक झपक ने की दर घटकर के चार से पांच पर आ जाती है. ऐसे में आंखों में नमी कम हो जाती है. जिससे सूखापन आ जाता है. इस वजह से जलन होने लगती है और धीरे धीरे रोशनी भी प्रभाव पड़ने लगता है.':- डॉ. सुनील कुमार, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ

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बचने को रखें ये सावधानी
डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि इसके अलावा हमारा बॉडी पोस्चर भी बहुत मायने रखता है. गर्दन झुका कर मोबाइल स्क्रीन पर समय बिताने या फिर टेढ़े मेढ़े बैठकर टीवी देखने से भी आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है. ऐसे में आंखों को स्वस्थ रखने के लिए स्क्रीन पर अगर समय बिता रहे हैं तो बॉडी पोस्चर सही रखें. इसके अलावा जरूरी है कि सोशल साइट का अनावश्यक उपयोग ना करें और जरूरत भर ही उपयोग करें.

आंखों की जांच करते नेत्र रोग विशेषज्ञ

'इसके अलावा अगर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं तो नियमित अंतराल पर थोड़े समय के लिए स्क्रीन से हटकर के थोड़ा टहल लें और एक बार आंखों को दाईं तरफ फिर बाईं तरफ और फिर सीधे कुछ देर के लिए देखें. अभी अगर लोगों को आंखों से संबंधित कोई शिकायत महसूस होने पर नेत्र रोग चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. अगर हाल ही में कोरोना से ठीक हुए हैं तो कुछ समय के लिए आंखों में दर्द और थकावट महसूस हो सकता है. इसमें ज्यादा अधिक घबराने की बात नहीं है.':- डॉ. सुनील कुमार, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ

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ऑनलाइन क्लासेज से आंखों पर दबाव
डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण लगभग डेढ़ साल से स्कूल ऑनलाइन ही क्लासेज चला रहे हैं. जिस वजह से कम उम्र के काफी बच्चों को चश्मा लग गया है. ऐसी स्थिति में अभिभावक ये प्रयास करें कि वह स्टडी मैटेरियल प्रिंटेड फॉर्म में बच्चों को उपलब्ध हो सके. इससे बच्चों के आंखों पर अधिक दबाव नहीं पड़ेगा क्योंकि स्क्रीन पर जब नजरे जमाए होते हैं तो आंखों पर काफी अधिक दबाव आता है.

'कोरोना के दौरान लोगों का टहलना घूमना और अन्य फिजिकल गतिविधियां लगभग बंद हो गया. ऐसे में लोगों का ब्लड प्रेशर और डायबिटीज भी काफी अन कंट्रोल हो गया . जिसका असर आंखों पर गंभीर रूप से पड़ता है. अधिक बीपी और डायबिटीज होने की वजह से कई लोगों की आंखों की रोशनी काफी हद तक जा चुकी है. यह शिकायत 40 प्लस वाले लोगों में अधिक आई है. पोषण युक्त आहार ग्रहण करें ताकि पेट में कब्ज की स्थिति ना हो. कब्ज की स्थिति में भी आंखों की रोशनी पर प्रभाव पड़ता है.':- डॉ. सुनील कुमार, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ

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