पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश (Union Budget 2022) किया है. बजट पर हर वर्ग के लोग अपने अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं. जहां राजनीतिक दल अपने तरीके से बजट का विशलेषण कर रहे हैं वहीं, विशेषज्ञ भी से अपने तरीके से देख रहे हैं. एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास (Expert Vidyarthi Vikas On Union Budget 2022 ) का कहना है कि, पिछले साल जो बजट लाया गया उसे 5 साल के लिए बताया गया था और इस बार 25 साल के लिए बजट बताया जा रहा है. जबकि बजट अमूमन 1 साल के लिए ही होता है.
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विशेषज्ञ का कहना है कि, केंद्रीय बजट में बिहार के लिए कुछ खास नहीं है. नीति आयोग ने जिस प्रकार से बिहार की बड़ी आबादी को गरीबी रेखा से नीचे बताया था तो, उस हिसाब से बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा होनी चाहिए थी. प्रो विद्यार्थी विकास ने कहा कि, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कुछ खास बजट में प्रावधान नहीं किया गया है.
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उन्होंने कहा कि, किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही जा रही थी लेकिन, बजट में उसके लिए कुछ नहीं बोला गया है. मध्यम वर्ग के लिए भी बजट में कुछ खास नहीं है. यूनिवर्सिटी शिक्षा को लेकर भी कुछ विशेष नहीं है. शिक्षा के नाम पर बजट सिर्फ ई लर्निंग और डिजिटल तक ही सिमटकर रह गया है. बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया. इस बार इलेक्ट्रोनिक्स पर लगने वाले टैक्स में छूट मिली है. वहीं रत्न और आभूषण पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है. नकली गहनों पर कस्टम ड्यूटी 400 रुपये प्रति किलो की गई. वहीं, आम आदमी को इस बजट में इनकम टैक्स पर कोई राहत नहीं मिली. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई डिजिटल करेंसी जारी करेगी डेढ़ लाख डाकघरों में कोर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध होंगी. 75 जिलों में डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं बहाल की जाएंगी. 80 लाख नए सस्ते घर लोगों को दिए जाएंगे. एमएसएमई के तहत 2 करोड रुपए की अतिरिक्त मदद दी जाएगी. राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि केंद्र की सरकार ने कृषि उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में घोषणा की है. डिजिटाइजेशन के क्षेत्र में सरकार ने लंबे चौड़े दावे किए हैं. स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर बजट में बहुत कुछ खास नहीं है. टैक्स स्लैब में किसी तरह की छूट नहीं दिए जाने से मध्यमवर्ग निराश है.
वहीं, सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया है. दिव्यागों को भी कर राहत का ऐलान किया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% की जाएगी.
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