पटना: नीति आयोग (Niti Aayog) की रिपोर्ट पर बिहार में बवाल मचा हुआ है. लगातार डबल डिजिट ग्रोथ का दावा करने वाली नीतीश सरकार के लिए विपक्ष को जवाब देना मुश्किल हो रहा है. नाक बचाने के लिए जरूर जदयू के नेता विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं. लेकिन एएन सिन्हा शोध संस्थान के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का कहना है की नीति आयोग की रिपोर्ट से एक बात तो साफ हो गया बिहार में जिस सेक्टर के विकास का दावा किया जा रहा था, फिर से उसका अध्ययन करने की जरूरत है. केंद्र सरकार से भी बिहार को विशेष मदद मिलना अब जरूरी है.
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'नीति आयोग की रिपोर्ट 115 इंडिकेटर्स के आधार पर तैयार हुई है. कई इंडिकेटर में बिहार की स्थिति काफी खराब है, हालांकि कुछ में बेहतर भी हुआ है. लेकिन सरकार को अब उन सारे इंडिकेटर्स पर गहन अध्ययन करना होगा और उसके अनुसार रणनीति तैयार करनी होगी.'- विद्यार्थी विकास, प्रोफेसर, एएन सिन्हा शोध संस्थान
बिहार कृषि में भी फिसड्डी
प्रो. विद्यार्थी विकास ने कहा कि सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बिहार में कृषि के क्षेत्र में भी जो ग्रोथ होना चाहिए, वह नहीं हुआ है. जबकि यहां 3-3 कृषि रोडमैप लाया गया है. बिहार में जो विकास हुआ है, उसमें काफी असमानता है. कई जिलों की स्थिति काफी खराब है, उसे भी सरकार को देखना चाहिए.