पटना:कोरोना संक्रमण से हाहाकारी, दूसरी लहर और तीसरे की आशंका के बीच हर रोज नए नियम जारी हो रहे हैं. अब केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन के कार्यालय की ओर से कोरोना संक्रमण के मद्देनजर नई गाइडलाइन जारी की गई है.
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के अनुसार एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं. कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है और संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है. ईटीवी भारत से इस पूरे मामले को लेकर विशेषज्ञ से बात की.
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बिहार के जाने-माने मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि अब तक के रिसर्च से यह स्पष्ट हो चुका है कि बंद जगहों पर संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा होती है. अगर आप किसी खुली जगह पर बैठते हैं या ऐसी जगह पर बैठते हैं, जहां खिड़कियां हो, दरवाजे हो और रोशनदान हो तो उससे ताजी हवा अंदर आती है और अंदर बैठे किसी व्यक्ति को संक्रमण है तो उसकी मुंह से निकला कोविड संक्रमण खिड़की दरवाजे रोशनदान के जरिए बाहर चला जाता है और आप संक्रमण से बच सकते हैं. इसके साथ-साथ जहां भी बैठे हैं. वहां किसी वस्तु को छुयें तो हाथ जरूर साफ करें.
'खांसी और छींक से फैलता है वायरस'
एक्सपर्ट के मुताबिक किसी व्यक्ति की छींक या खांसी 10 मीटर की दूरी तक पहुंच सकती है. ऐसे में किसी भी संक्रमित व्यक्ति की खांसी और छींक वायरस के फैलने का सबसे प्रमुख कारण है. उन्होंने कहा कि दफ्तरों और घरों में बेहतर वेंटिलेशन के जरिए संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है. साथ कार में भी 1 से अधिक लोग होने पर शिशा खोलकर रखना चाहिए.
हवा से फैलने वाले संक्रमण से कैसे बचें:-
- इसके लिए मास्क पहनें, सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें.
- एक संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इस दौरान वे दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं.
- कुछ लोगों में लक्षण नहीं भी दिखते हैं, फिर भी वे वायरस फैला सकते हैं.
- एडवाइजरी में कहा गया है कि लोगों को डबल मास्क या एन-95 मास्क पहनना चाहिए.
- वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने और संक्रमण दर को कम करने के लिए नागरिकों, समुदायों, स्थानीय निकायों और अधिकारियों का समर्थन और सहयोग आवश्यक है.
- ए़डवाइजरी में कहा गया है: ‘मास्क के उपयोग के साथ, वेंटिलेशन , दूरी और स्वच्छता, से वायरस से बचा जा सकता है.