पटना: देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है. हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. एक ओर जहां देश कोरोनाकी दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है, वहीं, विशेषज्ञों ने अभी से तीसरी लहर की आशंका जता दी है. विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. दूसरी लहर में हम लोग इतना कुछ गंवा चुके हैं, इसलिए कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जारी चेतावनी को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है.
बिहार में 5 मई से ही लॉकडाउन है. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नीतीश सरकार को लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा. लॉक डाउन का असर भी दिख रहा है. संक्रमण का दर घटा है और रिकवरी रेट भी तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन विशेषज्ञ तीसरी लहर को लेकर अभी से चिंतित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को तीसरे लहर के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.
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'कोरोना की तीसरा लहर बच्चों के लिए घातक हो सकता है और ऐसे में यदि तैयारी नहीं हुआ तो नुकसान बहुत ज्यादा होगा. सरकार के साथ लोगों को भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए और तीसरा वेब यदि आता है तो सरकार को तुरंत उस समय भी लॉकडाउन के लिए तैयार रहना चाहिए': - डॉ. अजय कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, आईएमए
'आईजीआईएमएस पूरी तरह तैयार'
बिहार सरकार की ओर से तीसरे लहर को लेकर तैयारी शुरू करने की बात कही जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि आईजीआईएमएस के डॉक्टरों से हमने बात की है. यदि भविष्य में तीसरे फेस की स्थिति आती है तो उसे मुकाबला करने के लिए आईजीआईएमएस पूरी तरह तैयार है.
पहले लहर में बच्चे बहुत कम प्रभावित हुए थे. दूसरे लहर में जरूर 0 से 10 साल के बच्चे 4% के करीब कोरोना संक्रमित हुए हैं. वहीं, 10 साल से 19 साल तक के 11% बच्चे संक्रमित हुए हैं. लेकिन तीसरे वेब में यह आंकड़ा अधिक बढ़ सकता है और इसका बड़ा कारण इस उम्र के बच्चों में वैक्सीनेशन का नहीं होना भी कहा जा रहा है. ऐसे एक राहत की बात है कि छोटे बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए ट्रायल शुरू हो गया है. बिहार में भी एम्स में ट्रायल होगा.
दूसरी लहर से ही सरकार परेशान!
दुनिया में कई जगह तीसरा लहर शुरू है. हालांकि, बिहार और देश में अभी दूसरा लहर से ही सरकार परेशान है. क्योंकि इस बार हर वर्ग के लोगों को कोरोना ने परेशान किया है. मौत का प्रतिशत इस बार पहले लहर की तुलना में बहुत अधिक है. पहले लहर में कोरोना ने अधिक उम्र के लोगों को और जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे उन्हें ही ज्यादा परेशान किया और उन्हीं की मौत हुई. लेकिन इस बार मौत आम कोरोना मरीजों की भी हो रही है और चिकित्सक इसी को लेकर चिंतित हैं.